छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर में हर परिवार को देगी गुड़
बस्तर
छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार की कैबिनेट की बैठक बुधवार देर शाम को हुई. बैठक में आदिवासी बाहुल्य बस्तर संभाग के सभी जिलों में हर परिवार को गुड़ बांटने का निर्णय लिया गया है. राशन कार्ड के आधार पर प्रति परिवार को हर महीने दो किलोग्राम गुड़ वितरित किया जाएगा. यहां के लोगों में कमजोरी और एनिमिया की बीमारी को देखते हुए निर्णय लेने का दावा सरकार ने किया है. गुड़ की खरीददारी प्रदेश के गन्ना किसानों और गुड़ फैक्ट्रियों से सरकार सीधे करेगी. इस योजना से किसानों को भी लाभ मिलेगा.
भूपेश कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि बस्तर संभाग के सभी 7 जिलों में हर परिवार को गुड़ बांटने के निर्णय से वहां के लोगों के साथ कि गन्ना किसानों को भी लाभ मिलेग. मंत्री चौबे ने कहा कि कुछ महीनों से अफवाह फैलायी जा रही थी कि सरकार आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में चना बांटने की योजना बंद कर रही है, लेकिन ऐसा नहीं है. हमारी सरकार प्रदेश के साभी 85 आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में चना बांटने की योजना जारी रखेगी.
पट्टा होंगे फ्री होल्ड
मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि कैबिनेट ने प्रदेश के सभी पट्टाधारियों को राहत देने का निर्णय लिया है. प्रदेश में साल 1984, 1998 और 2003 में बांटे गए सभी पट्टों को फ्री होल्ड कर उसका स्वामित्व पट्टाधारी को ही सौंप देगी, इनमें वो लोग भी शामिल होंगे, जिन्होंने किसी अन्य से पट्टे की भूमि खरीद ली है. इससे प्रदेश के एक बड़े वर्ग को लाभ मिलेग. इसके साथ ही शहीद वीर नारायण के तीन अन्य वारिसों को भी सरकार ने पेंशन देने का निर्णय लिया है.
ट्रांसफर के लिए बनी ये नीति
कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए वरिष्ठ मंत्री मो अकबर ने बताया कि सरकार ने प्रदेश में ट्रांसफर नीति को लेकर अहम निर्णय लिए हैं. इसके तहत तृतीय व चतुर्थ वर्ग के दस प्रतिशत कर्मचारियों का ही ट्रांसफर किया जाएगा. इसमें भी शहर से ग्रामीण, ग्रामीण से ग्रामीण क्षेत्र में ही ट्रांसफर की अनुमति दी गई है. जिन कर्मचारियों का रिटयारमेंट एक साल के भीतर होना है, उनके ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे.
हितग्राहियों के लिए उपयोग होगी रॉयल्टी
वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि रेत खदानों आबंटन को लेकर भी अहम निर्णय लिए गए हैं. इसके तहत खदानों का वितरण का अधिकार कलेक्टर को उचित नियमों और प्रक्रिया का पालन करते हुए करने का अधिकार दिया गया है. साथ ही रॉयल्टी से मिलने वाली राशि का 25 प्रतिशत से अधिक उन निकाय और पंचायतों को दिया जाएगा, जहां खनन हो रहा है. इस राशि का उपयोग वहां के हितग्राहियों के विकास व सुविधा के लिए किया जा सकेग. इसके तहत क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य व मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी. पहले इस राशि का उपयोग सिर्फ इंफ्रांस्ट्रक्चर तैयार करने में होता था.
कुलपति को लेकर ये निर्णय
कैबिनेट की बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर भी अहम निर्णय लिए गए. इसमें इंद्रा कला विश्वविद्यालय, खैरागढ़ और पं. सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, बिलासपुर में कुलपति का पद खाली रहने पर स्पेशल सेक्रेटरी के पद के बाराबर के व्यक्ति की ही नियुक्ति होगी. इसके अलावा कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति पद पर उसी की नियुक्ति होगी, जिसका पत्रकारिता या जनसंचार में न्यूनतम अनुभव 20 वर्ष हो.