छत्तीसगढ़ में कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने को मजबूर क्यों हैं विपक्ष के दिग्गज नेता?

रायपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद पूर्व सीएम अजीत जोगी (Ajit Jogi) की पार्टी समेत छत्तीसगढ़ बीजेपी (BJP) के कई बड़े दिग्गज भी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पर मजबूर हो गए हैं. बीजेपी जहां इसे कांग्रेस (Congress) पार्टी की पुरानी बदलापुर और उलझाने वाली नीति बता रही है. वहीं अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे (JCCJ) का कहना है कि सरकार विपक्ष (Opposition) को कमजोर करना चाहती है. डराना चाहती है. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या वाकई सरकार की बदलापुर और विपक्ष को उलझाने की रणनीति पर काम कर रही है.

किसी भी राज्य की राजनीति (Politics) में विपक्ष को जनता की मुखर आवाज के रूप में देखा जाता है. माना जाता है कि सरकार से जनता के लिए कोई सड़क पर लड़ेगा तो वह विपक्ष होगा. वहीं छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में इन दिनों विपक्ष (Opposition) लड़ तो रहा है, लेकिन सड़क से ज्यादा कोर्ट कचहरी में. विपक्ष जनता के मुद्दों पर नहीं बल्कि खुद के लिए.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के सुप्रीमो अजीत जोगी पर जाति मामले में गिरफ्तारी की तलवार तो लटक ही रही है. वहीं जूनीयर जोगी और जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी जेल में हैं. उनपर नागरिकता और जन्म स्थान को लेकर धोखाधड़ी का मामला है. सिलसिला अभी थमा नहीं है. प्रदेश में सबसे बड़ी विपक्षीय पार्टी बीजेपी के कई दिग्गज चाहे खुद के मामले में या अपने करीबी रिश्तेदारों के मामले में कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पर मजबूर हो गए हैं.

अंतागढ़ टेपकांड मामले में जहां पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, मंतूराम पवार के मेजिस्ट्रेट को दिए बयान के बाद बुरी तरह से घिर गए हैं. वहीं अपने दामाद पुनीत गुप्ता के मामले में भी वो उलझे हुए हैं. पुनीत गुप्ता के खिलाफ अंतागढ़ टेपकांड के अलावा डीकेएस घोटाला मामले में भी एफआईआर दर्ज है. पूर्व कद्दावर मंत्री व बीजेपी नेता राजेश मूणत पर भी अंतागढ़ टेपकांड मामले में एफआईआर दर्ज है. बीजेपी के पूर्व सांसद अभिषेक सिंह पर चिटफंड घोटाला मामले में 27 एफआईआर दर्ज है. विधायक शिवतरन शर्मा पर भी रायपुर में मामला दर्ज हो गया है.

विपक्ष के नेताओं पर एफआईआर को लेकर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का आरोप है कि सरकार चूंकि विपक्ष का मुकाबला नहीं कर सकती है, इसलिए उलझा रही है. जोगी कांग्रेस के प्रवक्ता इकबाल रिजवी का कहना है कि सरकार ऐसी कार्रवाई कर खुद ही जनता के नजर में घिर रही है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि जो जैसा करेगा उसे भरना पड़ेगा. मंत्री कवासी लखमा कहते हैं कि बीजेपी के लोग बेवजह के आरोप लगा रहे हैं. जो लोग गलत किए हैं, उनके खिलाफ जांच तो की ही जाएगी. गलती साबित होने पर कानूनन कार्रवाई भी होगी.

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