चुनाव के चलते गेहूं खरीदी में हो रही लेटलटीफी, जिले में अब तक मात्र सवा लाख मीट्रिक टन गेहूं की हुई खरीदारी

भोपाल
राजधानी के आसपास बीते दो-तीन साल से बंपर गेहूं की पैदावार को देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने पिछले साल की अपेक्षा गेहूं खरीदी केंद्रों में इजाफा किया था। जिले में करीब 65 खरीदी केंद्रों में बीते एक महीने से गेहूं की खरीदी का काम चल रहा है। लेकिन बीते एक सप्ताह से यह काम बहुत धीमी गति से हो रहा है। इसके पीछे दो कारण सामने आए हैं।
 
भोपाल में एक सप्ताह से लोकसभा चुनाव को लेकर प्रशासनिक स्तर पर तेजी से तैयारियां चल रही हैं। साथ ही इन दिनों शहर में गर्मी का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है। इस कारण खरीदी केंद्रों में जिले के अफसर ज्यादा ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। अफसरों की व्यस्तता के कारण गेहूं खरीदी के साथ इसका परिवहन भी बहुत धीमी गति से हो रहा है। इससे आने वाले दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। 30 अप्रैल तक जिले में सवा लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की जा चुकी है।

जिले में गेहूं की बंपर पैदावार के बाद खाद्य विभाग के सामने गेहूं का स्टॉक रखने का संकट बढ़ता जा रहा है। हालात यह हैं कि खरीदी केंद्रों पर करीब 40 हजार क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा है। साथ ही जिले में अब तक 13 हजार से अधिक किसानों ने अपना गेहूं खरीदी केंद्रों में बेचा है। करीब 161 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। किसानों को लगातार एसएमएस भेजे जा रहे हैं, ताकि वे अपना गेहूं बेच सकें। फिर भी केंद्रों पर किसान नहीं आ रहे हैं।

लोकसभा चुनाव में अधिकारियों के व्यस्त होने के कारण गेहूं का परिवहन भी प्रभावित हो रहा है। अफसरों की प्लानिंग है कि खुले में पड़ा गेहूं जल्द से जल्द साइलो केंद्र और वेयर हाउस गोदामों में पहुंचाया जा सके, ताकि आने वाले दिनों में किसी भी परेशानी से बचा जा सके। इसके अलावा अधिकारियों की योजना है कि 12 मई को लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद गोदामों से पीडीएस की दुकानों में गेहूं पहुंचाया जाए, ताकि वेयर हाउस में जगह खाली हो और गेहूं का भंडारण हो सके।

चुनाव में लगे अफसर और कर्मचारी खासकर खाद्य, कृषि और नागरिक आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों को शहर में होने वाली बेमौसम बारिश की संभावना भी परेशान कर रही है। हाल ही में फेनी तूफान को लेकर शहर में बारिश भी हो सकती है। इससे खुले में पड़ा गेहूं भीगना की संभावना ज्यादा है। वैसे भी दो सप्ताह पहले हुई जिले में बेमौसम बारिश से करीब 7 हजार क्विंटल गेहूं भीग गया था, इसमें एक हजार क्विंटल गेहूं तो लगभग खराब ही हो चुका है। इस कारण अफसरों को तनाव भी है।

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