अब होगी बीजेपी के ‘सत्ता पक्ष की लहर’ के दावे की अग्निपरीक्षा

 नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के ‘सत्ता पक्ष की लहर’ के दावे की असली परीक्षा लोकसभा चुनाव के बचे तीन चरणों में होगी। अब 168 सीटों पर मतदान होना है, जिनमें से 116 सीटें सत्ताधारी दल के पास हैं। ये सीटें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश (41 सीटें शेष ), मध्य प्रदेश (23), बिहार (21), राजस्थान (12) और झारखंड (11) जैसे हिंदी बेल्ट राज्यों की हैं। इसके अलावा पंजाब (13) हरियाणा (10), दिल्ली (7) और हिमाचल प्रदेश (4) की सभी सीटों पर मतदान होना है। बीजेपी पश्चिम बंगाल में तृणमूल के साथ गलाकाट मुकाबला कर रही है, जहां अगले तीन चरण में 24 सीटों पर वोटिंग होगी। 
 
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को पूर्वांचल से काफी उम्मीदें हैं। इस क्षेत्र में आजमगढ़, घोसी और गाजीपुर को छोड़कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुकाबले अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या काफी कम है। हालांकि, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मतदाता जाति के आधार पर वोट करते हैं, जिससे एसपी-बीएसपी गठजोड़ को फायदा मिल सकता है। 

उत्तर प्रदेश की जिन 41 सीटों पर चुनाव होना है, उनमें से बीजेपी 2014 में सिर्फ तीन सीटों- रायबरेली, अमेठी और आजमगढ़ में हारी थी। वहीं, गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट उसे उपचुनावों में गंवानी पड़ी थी। बीजेपी को बाकी 36 सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। 

वाराणसी में रेकॉर्ड अंतर से जीत हासिल करने पर नजर
वाराणसी में प्रधानमंत्री की नजरें रेकॉर्ड अंतर से जीत हासिल करने पर है। पिछले हफ्ते मोदी के जबरदस्त रोड शो का मकसद समूचे पूर्वांचल में यह संदेश देना था कि बीजेपी दोबारा सत्ता में आ रही है। हालांकि, सत्ताधारी पार्टी के कुछ उम्मीदवार एसपी-बीएसपी गठबंधन के सामने कमजोर नजर आ रहे हैं। बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बची 21 सीटों में से कुछ प्रभावशाली प्रदर्शन किया था, लेकिन आरएलसीपी के महागठबंधन खेमे में जाने और जेडीयू के एनडीए में आने से समीकरण बदल गया है। 

राजस्थान में बीजेपी के लिए 2014 वाला प्रदर्शन दोहराना कठिन हो सकता है और विधानसभा चुनाव में हार के बाद यह चुनौती और भी मुश्किल हो गई है। राज्य में 12 सीटों पर मतदान होना है और इन सभी पर पांचवें चरण में वोटिंग होगी। बीकानेर, चुरू, झुंझनू शिकार और नागौर में बीजेपी की राह काफी मुश्किल नजर आ रही है। 

मध्य प्रदेश में 23 सीटों पर होना है चुनाव 
मध्य प्रदेश में 23 सीटों पर चुनाव होना है और इनमें से 22 सीटों का प्रतिनिधित्व बीजेपी सांसद कर रहे हैं, जबकि गुना सीट कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास है। सत्ताधारी दल को ग्वालियर, रीवा, भोपाल, मंदसौर और खंडवा में कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है। वहीं, दिल्ली की सभी सात सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है, लेकिन इस बात की संभावना काफी कम है कि बीजेपी यहां 2014 वाला करिश्माई प्रदर्शन दोहरा पाएगी। शीला दीक्षित और अजय माकन कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार हैं, जो बीजेपी को पिछले लोकसभा चुनाव की तरह सातों सीटें जीतने से रोकने की पूरी कोशिश करेंगे। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *