चीन से तनातनी: फॉरवर्ड एयर बेस पर सुखोई और अपाचे की उड़ान, IAF ऑफिसर बोले- जोश हमेशा हाई
नई दिल्ली
बॉर्डर पर चीन से तनाव के बीच शनिवार को फॉरवर्ड एयर बेस पर भारतीय लड़ाकू विमान सुखोई एम-30 और अपाचे हेलिकॉप्टरों ने उड़ान भरी है। दरअसल, भारतीय सेना चीन सीमा के निकट एयर ऑपरेशन कर रही है। यहीं, नहीं भारत ने फॉरवर्ड एयर बेस पर भारी मालवाहक सी-17, सी-130 के साथ कई लड़ाकू विमान तैनात कर रखे हैं। इन्हीं को ध्यान में रखते हुए भारत ने सीमा पर अपने विमान तैनात कर दिए हैं। शनिवार को सुखोई और अपाचे हेलिकॉप्टर ने उड़ान भरी। फॉरवर्ड एयरबेस पर भारतीय वायु सेना के एक स्क्वाड्रन लीडर ने बताया कि इस एयर बेस पर और पूरी वायुसेना में हर एयर वॉरियर पूरी तरह से प्रशिक्षित है और सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि जवानों का जोश हमेशा हाइ रहता है औऱ आसमान की ऊंचाइयों को छूने के लिए वे तैयार रहते हैं।
#WATCH Indian Air Force (IAF) Apache attack helicopter at a forward airbase near India-China border carrying out air operations. pic.twitter.com/2oAmoLBnfz
— ANI (@ANI) July 4, 2020
बता दें कि अपाचे हेलिकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने बनाए हैं। इस हेलिकॉप्टर का कुल 6838 किलोग्राम के आसपास होता है। यह ज्यादा से ज्यादा 279 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकते हैं। इसमें दो इ्ंजन होते हैं। यह हेलिकॉप्टर हवा से हवा में मिसाइलें दाग सकने में सक्षम है औऱ जरूरत पड़ने पर यह रॉकेट और गन का इस्तेमाल कर सकता है। इस हेलिकॉप्टर का पंख लखभग 17.15 फीट तक फैले होते हैं
#WATCH Indian Air Force (IAF) Su-30MKI fighter aircraft carrying out air operations at a forward airbase near India-China border. pic.twitter.com/Dmzp85hvCy
— ANI (@ANI) July 4, 2020
इस अभ्यास से पहले शुक्रवार को लेह पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा था कि विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है यह युग विकासवाद का है। विस्तारवाद की नीति ने विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है और इसी अनुभव के आधार पर पूरे विश्व ने इस बार फिर विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है। पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के कुछ ही दिनों बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अचानक लेह पहुंचे और वहां जवानों को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा था, 'विस्तार वाद का युग समाप्त हो चुका है। यह युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए अवसर है और विकासवाद भविष्य का आधार भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया और मानवता के विनाश का प्रयास किया।'