चीन के खिलाफ एक सुर, सभी दलों ने सरकार से कहा- जो भी हो, ठोस हो

नई दिल्ली
चीन के खिलाफ आम जनमानस के मिजाज के मुताबिक देश के सभी राजनीतिक दल भी ठोस कार्रवाई के समर्थन में हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक में सभी दलों के नेताओं ने एक सुर में सरकार का समर्थन किया और कहा कि चीन की धोखेबाजी और बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से देशभर में उबाल है।

सभी दलों ने कहा- चीन के मुद्दे पर सरकार के साथ
भारत-चीन सीमा पर स्थिति के संबंध में विचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस संवेदनशील मुद्दे पर अपने विचार सामने रखे। इस डिजिटल बैठक की शुरुआत में उन 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई जो15 जून को पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद हो गए थे। प्रधानमंत्री मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शहीद जवानों के सम्मान में खड़े होकर कुछ देर मौन रखा।

चर्चा से पहले शहीदों को श्रदांजलि
शुरुआत में सिंह और जयशंकर ने टकराव के बारे में बात की। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, टीआरएस नेता के चंद्रशेखर राव, जद(यू) नेता नीतीश कुमार, द्रमुक के एम के स्टालिन, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वाईएस जगन मोहन रेड्डी और शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे भी शामिल हुए। सरकार ने प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बैठक के लिए आमंत्रित किया था।
 
सरकार से पारदर्शी होने की मांग
कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने सरकार से कहा कि सीमा पर स्थिति के बारे में उसे पारदर्शी होना चाहिए। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार की आलोचना भी की है। मोदी ने जोर दिया है कि भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमारे सैनिकों ने कर्तव्य के प्रति अनुकरणीय साहस और वीरता दिखाई और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान किया।

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