चालान काटने पर विवाद, वीडियो वायरल होने के बाद छुट्टी पर भेजे गए ट्रैफिक सूबेदार

इंदौर                
मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक ट्रैफिक सूबेदार दो लोगों पर आरोप लगाते हुए वीडियो बनवा रहा है. इस वीडियो में ट्रैफिक सूबेदार अरुण सिंह बता रहे हैं कि कांग्रेस नेता चालान न बनाने का दबाव बना रहे हैं. वीडियो में ट्रैफिक सूबेदार बोल रहे हैं कि गृहमंत्री बाला बच्चन से फोन करवा दो लेकिन मैं फिर भी कार्रवाई करूंगा. वीडियो में ट्रैफिक सूबेदार ने बताया कि वो इंदौर पश्चिम ट्रैफिक थाने से हैं.

वीडियो वायरल होने के बाद सूबेदार अरुण सिंह को एक हफ्ते के प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया है. दरअसल, ट्रैफिक सूबेदार अरुण सिंह का आरोप था कि राजबाड़े पर एक युवक मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चला रहा था और जब उन्होंने रोका और चालान काटने लगे तो युवक कांग्रेस के एक नेता का नाम लेकर कार्रवाई नहीं करने का दबाव बनाने लगा.

इंदौर एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र ने बताया कि काम के दबाव के कारण सूबेदार की स्थिति तनावपूर्ण थी और इसी वजह से उन्हें 7 दिन के प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है.  

चालान को लेकर कांग्रेसी नेताओं और ट्रैफिक सूबेदार के बीच बहस का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद ट्रैफिक सूबेदार को ट्रेनिंग पर भेज दिया गया लेकिन राज्य में इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. वायरल वीडियो को ट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार पर तंज कसा है. 

शिवराज ने ट्वीट करते हुए लिखा 'मैंने सुना है कमलनाथ सरकार ने इस निडर पुलिस अफ़सर को अपना कर्तव्य निभाने के लिए और कांग्रेस की गुंडागर्दी को न मानने पर लाइन अटैच करवा दिया है. वाह, @RahulGandhi जी वाह, क्या यही कांग्रेस का कानून के प्रति सम्मान है?'.

शिवराज के ट्वीट के बाद कांग्रेस ने भी मामले में पलटवार करते हुए शिवराज के ट्वीट को गलत ठहराया. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'पता नहीं शिवराज सिंह का सलाहकार कौन है, हमेशा झूठे आरोप लगाते हैं. वो कह रहे है कि इंदौर में पुलिस सूबेदार अरुण सिंह को कमलनाथ सरकार ने लाइन अटैच करवा दिया है. न तो वो लाइन अटैच हुए है, न उन्हें कोई सजा मिली है

उन्हें तो उनके स्वास्थ्य व तनाव को देखते हुए प्रशासन ने प्रशिक्षण पर भेजा है. 

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