चार साल की बच्ची से रेप करने वाले टीचर के खिलाफ डेथ वारंट, 2 मार्च को दी जाएगी फांसी

सतना
मध्य प्रदेश के सतना के परसमनिया गांव में चार साल की एक मासूम से दुष्कर्म करने के दोषी महेंद्र सिंह गोंड के खिलाफ जिला अदालत ने डेथ वारंट-फांसी का अंतिम आदेश जारी कर दिया है. गोंड को 2 मार्च की सुबह पांच बजे जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय कारागार में फांसी दी जाएगी.

इस मामले में निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा बरकार रखे जाने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने दुष्कर्मी का डेथ वारंट किया. वहीं अधिकारियों का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट इस सजा पर रोक नहीं लगाती है, तो उसे तय की गई तारीख पर फांसी दे दी जाएगी.

इस मामले में अपराध होने और अपराधी को दोषी साबित करने में केवल सात महीने का समय लगा. यदि उसे फांसी हो जाती है तो यह नए कानून के तहत पहला ऐसा मामला होगा जिसमें बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वाले को फांसी मिलेगी.

बता दें कि महेंद्र सिंह गोंड ने बच्ची का 30 जून, 2018 की रात को अपहरण किया था. उसने जंगल में ले जाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और उसे वहीं मरा हुआ समझकर फेंक दिया था. बच्ची के परिवार वालों ने उसे देर रात को अधमरी हालत में पाया और तुरंत अस्पताल लेकर गए. राज्य सरकार ने तुरंत उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली भेजा. इस अपराध ने देश को हिलाकर रख दिया था. वहीं स्कूल टीचर को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर लिया गया था.

वारदात के 81 दिन के अंदर पुलिस की विवेचना हुई और कोर्ट का फैसला भी आ गया था. कोर्ट ने 47 दिन की सुनवाई के बाद फैसला सुना दिया था. नागौद स्थित अपर सत्र न्यायधीश दिनेश शर्मा की अदालत ने आरोप प्रमाणित पाए जाने पर महेंद्र को 19 सितंबर 2018 को फांसी की सजा सुनाई. इसके बाद मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी आरोपी की अपील खारिज करते हुए 25 जनवरी को फांसी की सजा बरकरार रखी थी.

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