चंद्रयान 2: लैंडिंग के वक्त अहम होंगे ये 4 घंटे, फिर 2 साल तक मिलेंगी तस्वीरें

 
नई दिल्ली 

जिस पल का इंतजार पूरा देश कर रहा था वह अब नज़दीक है. शुक्रवार की देर रात भारत का चंद्रयान-2 चांद की सतह पर लैंड करेगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा आज सामने होगा और इस पल के साक्षी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बनेंगे. पीएम मोदी शुक्रवार देर रात को ही बेंगलुरु के ISRO सेंटर में पहुंचेंगे, जहां पर वह स्कूली बच्चों के साथ इस पल को देखेंगे.

चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर जब आज चांद पर लैंड करेगा तो शुरुआती कुछ घंटे काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं. लैंडिंग की प्रक्रिया देर रात 1 बजे के आसपास शुरू होगी, जो 7 सितंबर सुबह तक जारी रहेगी. और यही पल धड़कन बढ़ाने वाले होंगे. खास बात ये भी है कि भारत पहली बार अपने किसी यान की सॉफ्ट लैंडिंग कराने जा रहा है.

6-7 सितंबर रात की बीच का समय…

01.30 से 01.40 AM:
चंद्रयान-2 का विक्रम लैंडर 35 KM. की ऊंचाई से चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना शुरू करेगा. तब इसकी रफ्तार 200 मीटर प्रति सेकंड होगी. यह इसरो वैज्ञानिकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा. क्योंकि ऐसा पहली बार होगा जब कोई देश चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगा.

01:55 AM:
विक्रम लैंडर दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद 2 क्रेटर मैंजिनस-C और सिंपेलियस-N के बीच मौजूद मैदान में उतरेगा. करीब 6 KM की ऊंचाई से लैंडर 2 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर उतरेगा. इस दौरान कुल पंद्रह मिनट का समय लगेगा.

03.55 AM:
चांद पर लैंडिंग के वक्त करीब 2 घंटे के बाद विक्रम लैंडर का रैंप खुलेगा. इसी के जरिए 6 पहियों वाला प्रज्ञान रोवर चांद पर उतरेगा.

05.05 AM: 7 सितंबर सुबह
प्रज्ञान रोवर का सोलर पैनल खुलेगा. सोलर पैनल के जरिए वह ऊर्जा हासिल करेगा.

05.10 AM:
प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर चलना शुरू करेगा. वह 1 सेंटीमीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की सतह पर 14 दिनों तक यात्रा करेगा. इस दौरान वह 500 मीटर की दूरी तय करेगा.

चंद्रयान 2 में क्या-क्या?

चंद्रयान-2 तीन हिस्सों से मिलकर बना है

पहला- ऑर्बिटर

दूसरा- विक्रम लैंडर

तीसरा- प्रज्ञान रोवर.

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