चंद्रमौलेश्वर स्वरूप में प्रजा का हाल जानने निकले बाबा महाकाल

उज्जैन
 श्री महाकालेश्वर की प्रमुख सवारी शाम 4 बजे मंदिर से निकली। पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर, हाथी पर मनमहेश, बैलगाड़ी में गरुड़ पर शिव तांडव, बैलगाड़ी में नंदी पर उमा-महेश, बैलगाड़ी में डोल के रथ पर होलकर मुखौटा और रथ पर सप्तधान का मुखारविंद भ्रमण पर निकले। सुरक्षा और निगरानी के लिए सवारी मार्ग में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए।

महाकाल की शाही सवारी में सोमवार को लाखांे की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने पालकी पूजन किया और सवारी में भी शामिल हुए। सजा सवारी मार्ग…छत्रीचौक पर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। गाेपाल मंदिर को छोड़कर किसी भी जगह पर पालकी को पूजन या अखाड़ों के प्रमुखों के सम्मान के लिए 5 मिनट से ज्यादा समय नहीं दिया गया। मंचों के सामने पालकी दो मिनट रोकी गई। भजन मंडलियां एक जगह पर न रुके इसके लिए उनके आगे-पीछे होमगार्ड और नगर सैनिक तैनात रहे।

शाम 4 बजे निकली सवारी में शामिल होने के लिए भक्त विविध प्रकार के स्वांग रचकर दो घंटे पहले ही पहुंच गए थे। पूरे पालकी मार्ग पर मलखंब खिलाड़ियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। फूलों से सजी चांदी की पालकी में विराजित होकर निकले बाबा के दर्शन को सवारी मार्ग पर लाखों भक्त कतार में खड़े नजर आए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *