घुटने की बीमारी से परेशान हैं 15 करोड़ से ज्यादा लोग

हर सात मिनट में एक घुटना ट्रांसप्लांट करने और अब तक 1 लाख से ज्यादा नी ट्रांसप्लांट कर चुके देश के जाने माने ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. विक्रम शाह ने कहा कि इस समय पूरे देश में महामारी की तरह घुटने की बीमारी बढ़ रही है। हर दूसरा या तीसरा मरीज घुटने की परेशानी से जूझ रहा है, लेकिन सरकार के पास कैंसर या अन्य बीमारी की तरह घुटना प्रत्यारोपण यानी नी ट्रांसप्लांट की रजिस्ट्री न होने की वजह से मरीजों के सही आंकड़ा का पता नहीं चल रहा है।

15 करोड़ से ज्यादा लोग घुटने की बीमारी से पीड़ित
गुजरात के अहमदाबाद स्थित शाल्बी अस्पताल के संस्थापक डॉ. विक्रम शाह ने कहा कि देश में 15 करोड़ से अधिक लोग घुटने की बीमारी से पीड़ित हैं। इनमें से 4 करोड़ लोगों को प्रत्यारोपण की जरूरत है। डॉक्टर ने कहा कि जिस तेजी से यह बीमारी बढ़ रही है, आने वाले कुछ सालों में आर्थराइटिस लोगों को शारीरिक रूप से अक्षम बनाने में चौथा प्रमुख कारण होगा।

सुरक्षा में लगे जवान घुटने की तकलीफ से ज्यादा परेशान
डॉ. शाह के अनुसार सुरक्षा में लगे जवानों को बुढ़ापे में घुटने सबसे ज्यादा परेशान कर रहे हैं। उनके पास आए दिन कभी पुलिस तो कभी सैन्य जवान इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। दिन भर खड़े रहने की ड्यूटी करने वाले इन जवानों को एक समय के बाद घुटने की आर्थराइटिस होने की आशंका होती है।

तेजी से बढ़ रहा है घुटने की आर्थराइटिस का खतरा
डॉ. शाह ने बताया कि भारतीय लोग आनुवांशिक तौर पर घुटने की आर्थराइटिस से अधिक ग्रस्त होते हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के कारण भारतीय लोगों के घुटनों का बहुत इस्तेमाल होता है, जिससे घुटने की आर्थराइटिस का खतरा बढ़ता है। चीन में करीब 6.5 करोड़ लोग घुटने की समस्याओं से पीड़ित हैं, जो भारत में घुटने की समस्याओं से पीड़ित लोगों की संख्या से आधे से भी कम है।

 

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