घाटी के हिंदुओं को दिए जाएं हथियार और ट्रेनिंग: जम्मू-कश्मीर के पूर्व DGP
श्रीनगर
जम्मू कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एस. पी. वैद्य ने कश्मीर में अल्पसंख्यक हिंदुओं को हथियार मुहैया कराने और ट्रेनिंग देने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि विलेज डिफेंस कमेटी फॉर्मूला को प्लानिंग के साथ लागू करने से कोई नुकसान नहीं है. वैद्य ने कहा कि जम्मू के चिनाब घाटी में हिंदुओं को हथियार दिए गए थे. इससे नब्बे के दशक में हिंदुओं के पलायन को रोकने में मदद मिली थी.
जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी वैद्य ने यह भी कहा कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से निपटने के लिए कमजोर मुस्लिमों को भी हथियार दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा, 'मैं पहला शख्स हूं, जिसने जम्मू-कश्मीर के रियासी में पहली विलेज डिफेंस कमेटी का गठन किया. इजरायल की तरह कश्मीर घाटी में भी कमजोर लोगों के लिए विशेष प्रावधान करने की आवश्यकता है.'
पूर्व डीजीपी एस. पी. वैद्य ने यह भी कहा कि कश्मीर घाटी में विलेज डिफेंस कमेटी गठित करना मुश्किल काम है, लेकिन असंभव नहीं हैं. वैद्य का यह बयान उस समय सामने आया है, जब जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में आतंकियों ने सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी. अजय पंडिता की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी.
आतंकियों ने सोमवार शाम छह बजे सरपंच अजय पंडिता की हत्या की थी. अजय पंडिता कांग्रेस के सदस्य थे. जब आतंकियों ने अजय पंडिता को गोली मारी, तो उनको अस्पताल पहुंचाया गया था. हालांकि उनको बचाया नहीं जा सका. वहीं, अजय पंडिता की हत्या को लेकर देशभर में आक्रोश है. साथ ही कश्मीरी हिंदुओं के मुद्दे ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है.