घाटी के दौरे पर आए यूरोपीय सांसदों को सेना ने बताया, कैसे आतंक फैला रहा है पाक: सूत्र

श्रीनगर 
आर्टिकल 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की वास्तविक स्थिति के बारे में जानने पहुंचे यूरोपीय यूनियन के सांसदों का दल मंगलवार को श्रीनगर पहुंचा। सांसदों के डेलिगेशन ने सेना की 15वीं कोर बटैलियन के मुख्यालय का दौरा किया। सूत्रों के मुताबिक, सेना ने यूरोपीय सांसदों को घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका से वाकिफ कराया। मंगलवार को दोपहर में श्रीनगर पहुंचे यूरोपीय सांसदों के 27 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 15वीं कोर के कमांडर (जनरल ऑफिसर कमांडिंग यानी GOC) लेफ्टिनेंट जनरल के. जी. एस. ढिल्लन से मुलाकात की। इस दौरान सेना सहित अन्य सुरक्षा बलों ने भारत में आतंकवाद के बढ़ावे में पाकिस्तान की भूमिका के बारे में जानकारी दी 

सैन्य अधिकारियों ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने में पाकिस्तान की भूमिका और भारत में आतंकियों को भेजने में पाकिस्तानी सेना के रोल के बारे में यूरोपीय सांसदों को विस्तार से जानकारी दी। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद भारत ने अपनी नीति को नरम करते हुए पहली बार विदेशी सांसदों को वहां जाने देने की अनुमति दी है। दरअसल, यह दुनिया को कश्मीर की सच्चाई से रूबरू कराने की भारत की पहल है, जिसको लेकर पाकिस्तान झूठी खबरें फैला रहा है। 

EU सांसद बोले, हम जमीनी हकीकत खुद देखेंगे 
कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्‍छेद 370 के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद यह किसी विदेशी प्रतिनिधिमंडल की पहली कश्मीर यात्रा है। कश्मीर दौरे पर जाने वाले इस दल के सदस्य और वेल्स से यूरोपियन संसद के सदस्य नाथन गिल ने उम्मीद जताई कि इस दौरे से जमीनी हालत जानने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए एक शानदार मौका है जब हम विदेशी प्रतिनिधि के तौर पर कश्मीर जाकर हालात का जायजा लेंगे और जमीनी हकीकत को खुद देखेंगे।' 

सोमवार को पीएम मोदी से मिला था यह दल 
बता दें कि यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। पीएम मोदी ने सांसदों को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि जम्मू-कश्मीर समेत तमाम इलाकों का दौरा करने से भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता के बारे में उन्हें जानकारी मिलेगी। 

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