ग्वालियर से प्रियदर्शिनी राजे का नाम आगे, कांग्रेस विधायक बोले, अशोक सिंह हों उम्मीदवार

ग्वालियर
 लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अपनी पहली सूची जारी कर चुकी है| वहीं बड़े शहरों वाली सीटों पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है। इनमें ग्वालियर सीट से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शन राजे का नाम आगे आया है। इस बीच कमलनाथ सरकार में मंत्री नहीं बनाए जाने से खफा कांग्रेस विधायक केपी सिंह ने ग्वालियर सीट से पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह को उम्मीदवार बनाये जाने का समर्थन किया है| जबकि हाल ही में ग्वालियर में जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रियदर्शिनी राजे के नाम का प्रस्ताव पास कराकर प्रियदर्शिनी को टिकट दिए जाने की मांग की थी| वहीं सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, राहुल अजय सिंह, अरुण यादव सहित कांग्रेस का अधिकांश नेता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह के समर्थन में हैं लेकिन इस नाम पर अभी तक सिंधिया की रजामंदी नहीं मिल पाई है। 

दरअसल, भोपाल पहुंचे केपी सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से मुलाकात की| इस मुलाक़ात के बाद सिंह ने मीडिया से चर्चा की|  जब उनसे पूछा गया कि ग्वालियर से सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी का नाम भी सामने आ रहा हैं। इस बारे में उनकी क्या राय है। उन्होंंने इस सावल के जवाब में कहा कि प्रियदर्शिनी जी और सांसद सिंधिया जी की ओर से अभी तक इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अभी सिर्फ कार्यकर्ताओं ने उनको चुनाव लड़ाए जाने की इच्छा पार्टी के सामने रखी है। लेकिन सिंधिया जी ने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया है। वहीं, उनसे जब पूछा गया कि उनके अलावा कौन उम्मीदवार बनाया जा सकता है। इस पर केपी सिंह ने कहा कि अशोक सिंह दमदार दावेदार हैं। मोदी लहर में भी वह महज 30 से 40 हजार के अंतर से हारे थे। मोदी लहर में इतने कम अंतर से हारने वाला आज तो जीत का दावेदार है क्योंकि अब मोदी लहर का कोई प्रभाव नहीं है। इसलिए उनको टिकट मिलना चाहिए। 

शिवराज पर बोला हमला 

के पी सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला है। दिग्विजय सिंह के भोपाल से चुनाव  लड़े जाने पर उन्होंने कहा कि जिस दिन कांग्रेस ने दिग्विजय जी के नाम का ऐलान किया था, उसी दिन शिवराज को चुनाव लड़ने का कह देना चाहिए थे। फिर पता चल जाता बंटाधार और 15 साल के विकास का अंतर। लेकिन बीजेपी में कोई चेहरा ही सामने नहीं आ रहे है जिसे पार्टी दिग्गी के खिलाफ लड़ा सके। 

 मंत्रीमंडल में जगह न मिलने का मलाल हमेशा रहेगा

उनसे एक बार फिर सवाल किया गया कि मंत्री मंडल में जगह नहीं मिलने से क्या वह अभी भी नाराज और दुखी हैं। उन्होंंने कहा कि वह अभी भी इस बात से दुखी हैं कि पार्टी ने उनकी सीनियरटी को दरकिनार करते हुए मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किया। इस बात का मलाल तो रहेगा। ये हमारा हक था जो हमे मिला नहीं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम जिस डाल पर बैठे हैं उसे काट दें। हमारा समर्थमन पार्टी को मिलता रहेगा। उन्होंंने भितरघात की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि पार्टी में ऐसा कुछ नहीं है विधानसभा चुनाव में पार्टी की एकजुटता सब देख चुके हैं। अगर पार्टी एकजुट नहीं होती तो हम चुनाव जीत भी नहीं पाते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *