ग्राहकों में कन्फ्यूजन- EMI राहत पर अभी भी खामोश हैं बैंक

 मुंबई
भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए भले ही टर्म लोन लेने वाले ग्राहकों को यह राहत दी थी कि अगले तीन महीने उन्हें अपनी किस्त नहीं चुकाने की छूट होगी। लेकिन ग्राहकों को ऋण देने वाले बैंक अभी तक आरबीआई के इस आदेश पर अमल करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। ग्राहकों की अगली ईएमआई की तारीख में सिर्फ आज ही का दिन बचा है लेकिन अभी तक किसी भी बड़े बैंक की ओर से यह नहीं बताया गया है कि उनसे लोन लेने वाले ग्राहकों को ईएमआई नहीं लेने को तैयार हैं।
सोमवार को लोन लेने वाले कई ग्राहकों के मोबाइल पर बैंक की ओर से लोन की किस्त चुकाने वाले मैसेज आने लगे हैं। यह मैसेज हर बार की तरह ही हैं, जिनमें बताया गया है कि उनकी तय तारीख को उनके अकाउंट से पैसे काट लिए जाएंगे इसलिए वह अपने अकाउंट में जरूरी राशि उपलब्ध रखें।

रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद कई बड़े ऐलानों में टर्म लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए भी यह सुविधा दी थी कि उन्हें अगले तीन महीने तक ईएमआई नहीं चुकानी होगी। यह लाभ सरकारी एवं निजी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों या किसी हाउसिंग फाइनैंस कंपनी से टर्म लोन लेने वाले सभी ग्राहकों को मिलना था। लेकिन भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक बैंक और ऐक्सिस बैंक ने ऐसी कोई सूचना नहीं दी है।

बैंकों की ज्यादातर ब्रांचों को अपने मुख्यालय से अभी तक इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। ज्यादातर बैंकर्स का कहना है ईएमआई स्किप करने का विकल्प ग्राहक को चुनना है, लेकिन जो चुका सकते हैं उनके लिए इसमें कोई और लाभ नहीं है।

एसबीआई से जुड़े सूत्रों ने हमारे सहयोगी 'टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया, 'अपनी ईएमआई नहीं चुकाने वाले ग्राहकों को बैंक रिपे का ऑप्शन देगा।' एचडीएफसी ने कहा कि उसे एक दो दिन का समय लग सकता है वह एसएमएस और ईमेल के जरिए अपने सभी ग्राहकों को इस विकल्प की जानकारी देगा। इसके साथ ही ग्राहकों को यह भी विकल्प दिया जाएगा कि अगर वह लोन की किस्त चुकाना चाहें तो वह ऐसा कर सकते हैं।
 

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