गाढ़ी दाल, कई सब्जियां और खीर के लिए बेरोजगारों को भा रही मंडोली जेल

नई दिल्ली
आपको यह पढ़कर हैरानी हो सकती है कि कोई शख्स केवल जेल जाने भर के लिए कोई छोटा-मोटा अपराध कर सकता है, लेकिन यह सच है। इस तरह के कुछ मामलों का नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में नई बनी मंडोली जेल को लेकर पता लगा है। मंडोली जेल जाने के लिए चोरी-चकारी जैसे छोटे-मोटे अपराध किए जा रहे हैं। इनमें वे लोग शामिल हैं, जो बेरोजगार थे। उनके कुछ न करने और नशा करने जैसी आदतों से उनका परिवार परेशान हो गया था। ऐसे में इन लोगों ने मंडोली जेल जाने का रास्ता चुना।

 

इस बारे में जेल और पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि हां, ऐसे मामले जेलों में आ रहे हैं। खासतौर से सर्दियों में। इन मुलजिमों ने पुलिस को बताया था कि उनके कई दोस्त, जो मंडोली जेल जा चुके थे, जब जेल से जमानत पर बाहर आए तो जेल की बहुत तारीफ की थी। बताया था कि जेल के अंदर सबकुछ फ्री है। खाने को गाढ़ी दाल, रोटियां, अलग-अलग सब्जियां और सप्ताह में एक बार तो खीर भी मिलती है। नहाने के लिए गर्म पानी का इंतजाम भी हो जाता है। हमने तो कई महीने अपनी जमानत भी टाली, ताकि अंदर ही रह सकें।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऐसी बातें जब कुछ मुलजिमों ने गिरफ्तारी के बाद बताईं तो एक बार को उन्हें भी झटका लगा।उन्होंने बताया, 'साहब हमारे पास न तो पैसा है और न ही खाने-पीने के लिए कुछ जुगाड़, ऐसे में जब हमने मंडोली जेल की सुंदरता और खाने-पीने के बारे में सुना तो हमने भी सोचा कि क्यों ना एक बार तो जेल अंदर से देखी ही जाए। अब ऐसे तो जेल के अंदर जा नहीं सकते। इसलिए छोटा-मोटा अपराध करके जेल जाना चाहते हैं।'

इन मुलजिमों ने पुलिस को यह भी बताया था कि मंडोली जेल अंदर से बनी भी बहुत सुंदर है। अंदर तरह-तरह की सुंदर पेंटिंग बनी हुई हैं। जेलवाले मारते-पीटते भी नहीं हैं और कई बार तो जेल के अंदर ही किसी गैंगस्टर या पैसेवाले कैदी के हाथ-पैर दबा दो तो थोड़ा-बहुत सुट्टे यानी स्मोकिंग का जुगाड़ हो जाता है।

पहले तिहाड़ में भी आए थे ऐसे मामले
जेल के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि खासतौर से सर्दियों में कुछ लोग ठंड से बचने के लिए छोटा-मोटा क्राइम करके यहां आ जाते हैं। सर्दियों में जमानत भी नहीं कराते। मौसम ठीक होने के बाद जमानत पर बाहर चले जाते हैं। पहले तिहाड़ में इस तरह के मामले सामने आए हैं लेकिन अब मंडोली जेल के प्रति ऐसी दिलचस्पी दिखाई दे रही है। अधिकारी ने कहा, हम क्या कर सकते हैं, हमें तो कानून के हिसाब से ही चलना है।

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