खाएं घी लगी चुपड़ी-चुपड़ी रोटी, गिनते रह जाएंगे फायदे

घरों में अक्‍सर बड़े-बुर्जुग आपको घी में रोटी लगाकर खाने की ह‍िदायत देते हैं, ये न सिर्फ रोटी को स्‍वादिष्‍ट बनाता है बल्कि ये सेहत के ल‍िए कई समस्‍या से निजात द‍िलाता है। वैसे हम में से कई लोग है जो घी को खाने से बचते है क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि घी खाने से शरीर में चर्बी बनती है। मगर इसके उलट रोटी में घी लगाकर खाने शरीर को खूब ताकत भी मिलती है। जी हां आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते है, उन्हें रोटी पर घी जरूर लगाना चाहिए। आइए जानते है रोटी पर घी लगाकर खाने के क्‍या फायदे हैं।

कितना घी खाना चाह‍िए
रोज़ाना एक टीस्पून घी खाना ज़रूरी है। यह मानसिक व शारीरिक रूप से व्यक्ति को मज़बूत बनाता है और ये शरीर को डिटॉक्‍स करता है। घी में विटमिन के, डी, ई और ए पाया जाता है, जो ब्लड सेल में जमा कैल्शियम को हटाने का काम करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। यह इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने में मदद करता है।

कोलेस्ट्रॉल करें कम
घी से रक्त और आंतों में मौज़ूद कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्योंकि इसमें बाइलरी लिपिड का स्राव बढ़ जाता है, जो शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को घटाता है और गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए अपने आहार में गाय के घी को शामिल करें।

पाचन शक्ति बढ़ाएं
घी का स्मोकिंग पॉइंट दूसरे ऑयल व फैट की तुलना में बहुत अधिक होता है। यही कारण है कि पकाते समय यह आसानी से नहीं जलता और खूब धुआं भी करता है।

दिल के लिए फायदेमंद
हार्ट में ब्लॉकेज होने पर देसी घी एक ल्यूब्रिकेंट की तरह काम करता है। जिसे हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है, वह गाय का घी खाए, इससे दिल मज़बूत होता है।

वज़न को नियंत्रित रखता है
देसी घी में सीएलए होता है, जो मेटाबॉलिज्म को सही रखता है। इससे वज़न कंट्रोल में रहता है। सीएलए इंसुलिन की मात्रा को कम रखता है, जिससे वज़न बढऩे और शुगर जैसी दिक्कतों का खतरा कम रहता है। अगर आप घी की जगह रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो ऐसा न करें। रिफाइंड में पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स होता है, जो सेहत बिगाडऩे का काम करता है, इसलिए इसका सेवन बंद कर दें। रिफाइंड की जगह देसी घी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

 

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