कोसी क्षेत्र सहरसा और मधेपुरा में सड़क निर्माण के लिए आम लोगों के आह्वान पर बाजार स्वत: बंद

सहरसा, मधेपुरा 
कोसी क्षेत्र की लाइफ लाइन एनएच 106 और एनएच 107 बदहाली के खिलाफ और उसके निर्माण की मांग को लेकर सहरसा और मधेपुरा में बंद का व्यापक असर रहा। बिना किसी राजनीतिक पार्टी के झंडा बैनर के आमलोग सुबह से ही सड़कों पर उतर गए।  

मधेपुरा में स्वत: बंद के कारण छायी रही विरानी
मधेपुरा में बंद के समर्थन में मधेपुरा समेत सिंहेश्वर, मुरलीगंज, उदाकिशुनगंज, पुरैनी, चौसा समेत अन्य प्रखंडों में लोगों ने अपनी दुकानें बंद रखी। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने बंद का समर्थन करते हुए स्कूलों को बंद रखा। बस एसोसिएशन, ऑटो रिक्शा एसोसिएशन, ई- रिक्शा एसोसिएशन ने बंद का समर्थन करते हुए वाहनों का परिचालन बंद रखा। बंद को व्यापार संघ का समर्थन होने के कारण ज्यादातर व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। बंद समर्थकों ने बैंकों को बंद कराया।

इस दौरान मधेपुरा समेत जिले के विभिन्न प्रखंडों में आक्रोश मार्च निकाला गया। बस अड्डे पर वीरानी छायी रही। लोग पैदल ही सामान लेकर आवागमन करते रहे। तेज धूप और उमस भरी गर्मी के बीच लोग सड़कों पर जमे रहे। बंद समर्थकों ने शासन- प्रशासन के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि एनएन 106 और 107 की स्थिति काफी खतरनाक है। दुर्घटनाओं के कारण लोगों को जान गंवानी पड़ती है। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी लोगों की परेशानी के प्रति उदासीन बने है। लोगों ने कहा कि जन आंदोलन जनभावनाओं का विस्फोट है। उन्होंने कहा कि सड़क की बदहाल स्थिति के कारण जिले का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। जन आंदोलन से जुड़े लोगों ने कहा कि एनएच का निर्माण नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।

आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन को निशाने पर रखा
सहरसा में कोसी की लाइफ लाइन एनएच 106,107 सहित अन्य बदहाल सड़कों के खिलाफ मंगलवार को कोसी बंद का व्यापक असर रहा। बदहाल सड़कों के खिलाफ शहर की सभी प्रमुख बाजार बंद रही। ज्यादातर दुकानें नहीं खुली। बंद को लेकर शहर के युवाओं की टोली सभी प्रमुख सड़कों पर घूम घूमकर लोगों से बंद का समर्थन करने की अपील कर रही थी। बंद का ई रिक्शा चालक संघ बस एसोसिएशन, फ्रेंड्स आफ आनंद, रालोसपा, जअपा, कांग्रेस, राजद, बीजेपी पार्टी से जुड़े युवाओं ने समर्थन किया है। हालांकि कोसी बंद जन आंदोलन में किसी राजनीतिक दल के बैनर का इस्तेमाल नहीं किया गया। आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन को निशाने पर रखते हुए जमकर मुर्दाबाद के नारे लगा रहे थे। पैदल और बाइक सवार प्रदर्शनकारियों के द्वारा बंद के दौरान कहीं भी कड़ा रुख नहीं अपनाया लेकिन इसके बावजूद बंद का असर पूरी तरह नजर आया।

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