कोरोना वायरस के डर से मिड कैरियर ट्रेनिंग टलने का खतरा

भोपाल
मध्यप्रदेश के सोलह आईएएस अधिकारी 25 मई से 12 जून के बीच होने वाले चौदहवें चरण फेज पांच की मिड कैरियर ट्रेनिंग पर लाल बहादुर शास्त्री राष्टÑीय प्रशासन अकादमी मसूरी जाएंगे। उधर, देश में पैर पसार रहे कोरोना वायरस के डर से इस ट्रेनिंग पर भी टाले जाने का खतरा मंडरा रहा है।  इस प्रशिक्षण के लिए 93 बैच के आईएएस का पहला मौका है।

वहीं 92 बैच को दूसरा और 91 बैच को प्रशिक्षण का तीसरा और आखिरी मौका है। 86 से 90 बैच के कुछ अधिकारी जो पहले प्रशिक्षण नहीं ले पाए है वे भी ट्रेनिंग पर जाएंगे। तीनों मौके मिलने के बाद भी प्रशिक्षण नहीं लेने वाले आईएएस अफसरों को आगे पदोन्नति में दिक्कत आ सकती है।  इसलिए जिन अफसरों का तीसरा और आखिरी मौका है उन्हें प्रशिक्षण पर जाना ही होगा। मसूरी में तीन सप्ताह की ट्रेनिंंग होगी जबकि एक सप्ताह विदेश में भी प्रशिक्षण होगा। प्रशिक्षण के दौरान ये अफसर गुड गवर्नेंस और प्रबंधन की ट्रेनिंग लेंगे। योजनाओं के मैदानी स्तर पर सफल क्रियान्वयन कैसे किया जाए यह प्रशिक्षण में इन्हें बताया जाएगा।

इधर आईएएस अफसरों की इंडक्शन ट्रेनिंग में दो अफसरों का बीमारी के चलते जाना टला
नौ मार्च से मसूरी में शुरु होने जा रही आईएएस अफसरों की इंडक्शन ट्रेनिंग में दो अफसरों का बीमारी के चलते जाना टल गया है। इनमें देवास में पदस्थ नरेन्द्र सूर्यवंशी और भोपाल में पदस्थ अपर आयुक्त उच्च शिक्षा वेदप्रकाश शामिल है। सूत्रों के मुताबिक अपर आयुक्त उच्च शिक्षा वेदप्रकाश की पत्नी बीमार चल रही है इसकी वजह से उन्होंने इंडक्शन ट्रेनिंग पर जाने में असमर्थता व्यक्त की थी। वहीं देवास में पदस्थ नरेन्द्र सूर्यवंशी स्वयं बीमार चल रहे है। वहीं रत्नाकर झा, धरणेन्द्र जैन, नगर निगम जबलपुर कमिश्नर आशीष गुप्ता सहित दो दर्जन आईएएस नौ मार्च से इंडक्शन ट्रेनिंग पर मसूरी जा रहे है।  यह प्रशिक्षण चालीस दिन का होगा। इसमें चार सप्ताह मसूरी, एक सप्ताह भारत दर्शन और एक सप्ताह विदेश प्रशिक्षण शामिल है।

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