उच्च शिक्षा विभाग का कारनामा, जेल में सजा काट रहे प्रोफेसर का किया स्थानांतरण
भोपाल
उच्च शिक्षा विभाग ने जेल में सजा काट रहे प्रोफेसर और प्रभारी प्राचार्य डॉ. नवरत्न प्रकाश निरंजन का स्थानांतरण कर दिया है। कोर्ट से सजा होने के बाद निलंबन या बर्खास्तगी की कार्रवाई के बजाय स्थानांतरण करने से अब विभाग की किरकिरी हो रही है। नौगांव में पदस्थ रहे इस प्रोफेसर को शुक्रवार को 16 साल की सजा हुई और शनिवार को उनका तबादला कर दिया गया।
नौगांव में नवीन पीजी कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. नवरत्न प्रकाश निरंजन का तबादला उच्च शिक्षा विभाग ने शनिवार को जारी आदेश में हरपालपुर कालेज में किया है। इस प्रभारी प्राचार्य को पंचम अपर सत्र न्यायधीश आरएन शाक्य छतरपुर की अदालत से 16 साल की कठोर कैद और दो लाख दस हजार रुपए जुर्माने सजा हुई है। सजा सुनाने के बाद उन्हें जेल भी भेज दिया गया है। इसके बाद भी विभाग ने उन्हें नौगांव से राजा हरपालपुर कालेज हरपालपुर भेज दिया है। हरपालपुर के एक कांग्रेस नेता ने उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी से स्थानांतरण करने की सिफारिश की थी। इसके बाद प्राचार्य का स्थानांतरण हरपालपुर किया गया।
सरकार की किरकिरी इसलिए भी हो रही है क्योंकि इस प्रभारी प्राचार्य डॉ निरंजन ने राजा हरपाल सिंह कालेज हरपालपुर में प्राचार्य रहते हुए 2007 में डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की परीक्षा में छात्रों से रुपए लेकर मूल कापियां बदलकर दूसरी कापियां वैल्यूएशन भेजी थीं। परीक्षा हस्ताक्षर की शीट में दर्ज कापियों के नंबर और मुख्य कापी के नंबर का मिलान न होने पर गड़बड़ी सामने आई थी। जांच के बाद 2008 में तत्कालीन एग्जाम रजिस्ट्रार डॉ. सुभाष चंद्र राय ने हरपालपुर थाने में एफआईआर कराई थी। जांच समिति ने बीएससी, बीए और एमए की 15 कक्षाओं की परीक्षा में 361 पुस्तिकाओं में हेराफेरी पाई थी। सजा होने के बाद विभाग ने उन्हें नौगांव से दोबारा हरपालपुर कालेज भेज दिया।