कोरोना लॉकडाउन से बंद हैं बंगाल की बीड़ी फैक्ट्रियां, 15 लाख मजदूरों पर संकट

 बेरहामपुर                                
कोरोना वायरस की वजह से देशभर में लागू हुए लॉकडाउन के बाद लोगों को कई तरह के संकटों का सामना करना पड़ रहा है। कई लोगों के रोजगार चले गए तो कईयों को खाने में दिक्कतें आने लगीं। पश्चिम बंगाल में भी लॉकडाउन की वजह से कई लोगों को दो वक्त का भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा है।

मुर्शिदाबाद जिले की रहने वालीं शायरा बीवी और उनकी बेटी दो सप्ताह पहले तक मिलकर बीड़ी बनाने का काम करती थीं। दोनों मिलकर एक दिन में 152 रुपये कमा लेती थीं। लेकिन अब परिस्थितियां बदल गई हैं। शायरा बीवी ने कहा कि उन्हें पता नहीं कि वह कैसे अपने परिवार के लिए दो वक्त का खाना उपलब्ध कराएंगी।
 
लॉकडाउन लागू होने के बाद पश्चिम बंगाल में बीड़ी बनाने का काम करने वाले 15 लाख लोगों के लिए बड़ी समस्या आ गई है। वह अब सरकार और एनजीओ द्वारा दिए जाने वाले भोजन पर ही पूरी तरह से आश्रित हो गए हैं। 

मोहम्मद जमालुद्दीन नामक एक मजदूर ने कहा कि डेयरी इंडस्ट्री के लोगों की मदद के लिए सरकार ने मिठाई की दुकान को चार घंटों के लिए खोलने की अनुमति दे दी है। लगता है कि प्रशासन हमारी दिक्कतों को नहीं समझता है। उन्होंने कहा, 'सीमित राशन पर जीवित रहना असंभव सा हो गया है। सरकार को चाहिए कि वह बीड़ी के उत्पादन की इजाजत दे।'

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