कुलभूषण जाधव तक ‘शर्तों के साथ’ राजनयिक पहुंच देने के प्रस्‍ताव को भारत ने किया खारिज

नई दिल्‍ली
भारत सरकार ने पाकिस्तान की जेल में लंबे समय से बंद पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव तक शर्तों के साथ राजनयिक पहुंच दिए जाने के पाकिस्‍तानी प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया है। भारत सरकार ने कहा कि वह कुलभूषण जाधव तक 'आबाध' पहुंच चाहता है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पाकिस्‍तान से जाधव तक 'बिना किसी धमकी या प्रतिशोध के माहौल' के राजनयिक पहुंच देने को कहा गया है जो इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के आदेश के अनुरूप है।

पाकिस्‍तान के प्रस्‍ताव पर लिखित में जवाब देने के बाद भारत सरकार अब इस्‍लामाबाद के जवाब का इंतजार कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्‍तान जाधव के साथ अकेले में भारतीय अधिकारियों को नहीं मिलने देना चाहता है। इसीलिए पाकिस्‍तान ने मुलाकात के लिए तीन शर्तें लगाई हैं। 3 शर्तों में पहली शर्त-जाधव से जिस रूम में भारतीय अधिकारी बातचीत करेंगे, उसमें पाकिस्‍तानी अधिकारी मौजूद रहेगा। दूसरी शर्त-कमरे में सीसीटीवी होगा। तीसरी शर्त-कमरे में बातचीत को रिकॉर्ड करने की सुविधा होगी।

इस बीच पाकिस्‍तान द्वारा इन शर्तों में कोई नरमी नहीं बरते जाने के संकेत के बाद भारत सरकार दोबारा इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जाने पर विचार कर सकती है। हालांकि इससे पहले भारत सरकार पाकिस्‍तान पर राजनयिक दबाव बनाए रखना जारी रखेगी। सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार आईसीजे के फैसले के अनुरूप जाधव तक आबाध राजनयिक पहुंच के लिए अनुरोध करती रहेगी।

पाकिस्‍तान का ऑफर आईसीजे के फैसले के खिलाफ
एक सूत्र ने कहा, 'यह एक साधारण मामला नहीं है और पाकिस्‍तान का ऑफर आईसीजे के फैसले की भावना के खिलाफ है। जिस तरह से पाकिस्‍तान सुझाव दे रहा है कि अगर उस तरह से राजनयिक पहुंच दी गई तो इसकी मूल भावना ही खत्‍म हो जाएगी।' आईसीजे ने स्‍पष्‍ट रूप से कहा था कि पाकिस्‍तान जाधव को राजनयिक पहुंच मुहैया कराए और विएना संधि के तहत वकील मुहैया कराए।

बता दें कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री की तरफ से जारी बयान में कहा गया, 'अतंरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले के बाद कमांडर कुलभूषण जाधव को वियना कन्वेंशन के आर्टिकल 36 अनुच्छेद 1 (b) के तहत उनके अधिकारों की सूचना दी गई है। एक जिम्मेदार राष्ट्र होने के नाते पाकिस्तान कमांडर कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी कानून के दायरे में रहते हुए राजनयिक पहुंच मुहैया कराएगा। इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।'एक सूत्र ने कहा, 'पाकिस्‍तान की शर्तें किसी भी जेल नियमों के बाहर हैं।'

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