कोरोना लॉकडाउन पलायन : गांव लौट रहे लोग नहीं जा पाएंगे अपने घर

 लखनऊ 
लॉकडाउन के बाद आनन-फानन में दूसरे राज्यों से अपने घरों को निकले मजदूर अपने जिले में पहुंचने के बाद भी 14 दिनों तक घर नहीं जा सकेंगे। पहले तो इन्हें जिला मुख्यालय पर बने क्वारंटाइन सेंटर में ही रोका जाएगा। यदि किसी तरह गांव पहुंच गए तो वहां पर भी अपने घर नहीं रह सकेंगे। गांवों में भी ऐसे लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर बनाए जा रहे हैं। गांव के प्रधान और पंचायत सचिव ऐसे लोगों के रहने और खाने पीने का प्रबंध करेंगे।

स्वास्थ्य विभाग की टीमें गांवों में पहुंचकर ऐसे लोगों की जांच करेगी। 14 दिनों तक अलग-थलग रहने और स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वस्थ घोषित किए जाने के बाद ही ऐसे लोग अपने घरों में जा सकेंगे। दूसरी ओर पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि दूसरे राज्यों व विदेश से आने वाले लोगों की तलाश में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की भी मदद लें।

दिल्ली से आनन फानन में बड़ी तादाद में प्रदेश लौटे मजदूरों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए थे कि जो भी राज्य में आए हैं या पहले से हैं उनकी पूरी जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। उन्हें भोजन, पानी, दवा देंगे। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि ऐसे लोगों के कारण बाकी लोगों के स्वास्थ्य को कोई खतरा ना हो। वहीं मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जिलों के डीएम और पुलिस कप्तानों को यह निर्देशित किया है कि अन्य जिलों से लौटने वाले लोगों को क्वारंटाइन में रखा जाए। क्वारंटाइन के दौरान उनका चिकित्सीय परीक्षण कराया जाए और खाने पीने का इंतजाम किया जाए। इन निर्देशों के बाद ग्रामीण स्तर तक काम शुरू हो गया है।

राज्य के हर गांव में प्रधान, पंचायत सचिव, स्थानीय पुलिस, स्वास्थ्य विभाग की टीम मिलकर सुरक्षा घेरा तैयार कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक 21 मार्च के बाद दिल्ली व अन्य राज्यों से अपने गांव पहुंचे लोगों की सूची तैयार कर प्रधान और पंचायत सचिव के स्तर से स्थानीय प्रशासन के अधिकारी तैयार करा रहे हैं। गांव के सरकारी स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक भवन तथा अन्य ऐसे ही सा‌र्वजनिक स्थलों को क्वारंटाइन सेंटर बनाया जा रहा है।

आनन-फानन में गांव तक पहुंचे लोगों का ब्योरा जुटाया जा रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉकडाउन की घोषणा के बाद दिल्ली और देश के अन्य राज्यों से भागकर गांवों में पहुंचने वालों का ब्योरा भी एकत्र किया जा रहा है। इन लोगों पर प्रशासन के साथ ही स्वास्थ्य विभाग की पूरी नजर है। गांवों में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए यूनिसेफ की टीम भी मदद में लगी है। ऐसे लोगों की सूचना तत्काल प्रधान और पंचायत सचिव के माध्यम से स्थानीय प्रशासन के पास पहुंचेगी। जिसके बाद उन्हें क्वारंटाइन करने का इंतजाम किया जाएगा। 

जो लोग लॉकडाउन के बाद दिल्ली व दूसरे राज्यों से लौटे हैं उन्हें जिला मुख्यालयों पर ही 14 दिनों तक रोकने का प्रबंध किया गया है। जिला स्तर पर ही ऐसे लोगों के लिए क्वारंटाइन केंद्र बनाए गए हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच और स्वस्थ रहने पर 14 दिनों बाद ही ऐसे लोग अपने घरों को जा सकेंगे। -मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास विभाग

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