कोरोना बचाव पर लगी जनहित याचिका पर हुई सुनवाई

बिलासपुर
एक विधि छात्र द्वारा लिखे गये पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य व केन्द्र सरकार से जवाब लिया कि वह कोरोना वायरस से संक्रमण को रोकने के लिए क्या प्रयास कर रही है। सरकार की ओर से बचाव के लिए किये जा रहे उपायों की जानकारी दी गई। मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को रखी गई है।

रायपुर के एक विधि के छात्र ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन को पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना वायरस संक्रमण के लेकर लोगों में भय का माहौल बन गया है। केन्द्र, राज्य सरकार द्वारा इसके बचाव के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। बाजार में सेनेटाइजर और मास्क की कमी है। इसे ब्लैक में महंगी कीमत पर बेचा जा रहा है। चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की बेंच ने छात्र के पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई की।

केन्द्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल बी. गोपा कुमार ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिये गये वक्तव्य में कोरोना से बचाव के लिए किये जा रहे उपाय तथा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी कोर्ट को दी। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि सेनेटाइजर और मास्क की सप्लाई के लिए दो कम्पनियों को अधिकृत किया गया है। शनिवार से प्रदेशभर की दवा दुकानों में इसकी सप्लाई शुरू हो जायेगी। रायपुर में संक्रमण का एक मरीज मिला है जिसकी पूरा इलाज किया जा रहा है। साथ ही पूरे प्रदेश में संदिग्ध मरीजों की पहचान कर उनकी जांच की जा रही है। संक्रमण से बचाव के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी। कोर्ट ने इस मामले में एक न्याय मित्र प्रफुल्ल भारत की भी नियुक्ति की है।

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