कौन हैं जय श्री ठाकुर जिसने सरकारी फंड से अकूत संपत्ति बनाई?
पटना
काफी दिनों से फरार चल रहीं सृजन घोटाले की आरोपी जय श्री ठाकुर आखिरकार सीबीआई के हत्थे चढ़ गईं. दरअसल बिहार सरकार में मजिस्ट्रेट स्तर की इस अधिकारी की संलिप्तता इस घोटाले में सामने आई थी. इसके बाद नीतीश सरकार ने उन्हें बर्खास्त कर दिया था.
आपको बता दें कि वर्ष 2017 में सृजन घोटाले का मामला सामने आने के बाद बांका थाना में दर्ज एफआईआर में जयश्री ठाकुर का नाम भी शामिल था. इसी आधार पर पिछले वर्ष सीबीआई ने जो मामला दर्ज किया उसमें भी जय श्री ठाकुर का नाम दिया गया.
हालांकि कई बार समन के बावजूद वह सीबीआई के सामने नहीं आ रही थी. जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए गैरजमानती वारंट भी जारी हुआ.
दरअसल आरोप है कि जयश्री ने जमीन का खेल कर करोड़ों की अकूत संपत्ति अर्जित की और फिर सृजन से नाता जोड़कर उस पैसे को सुरक्षित करने के उपाय निकाले. सृजन में खाता खोल पैसे जमा किए. वहां अपनी काली कमाई सुरक्षित रखने के बदले उन्होंने सृजन को भी फायदा पहुंचाया.
जयश्री पर आरोप है कि उसने भू-अर्जन विभाग के खाता के करोड़ो रुपये की राशि सृजन महिला विकास संस्थान के खाते में ट्रांसफर करवा दिया. सृजन की कर्ताधर्ता मनोरमा देवी से जयश्री काफी नजदीक थीं. उनसे मधुर संबंध बनाकर वहां से बेटे-पिता के नाम से लोन लिए, जिसे लौटाया तक नहीं.
वर्ष 2013 में विजिलेंस ने भी जयश्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसका ट्रायल वर्तमान में पटना स्थित विजिलेंस की विशेष अदालत में चल रहा है.
बता दें कि जयश्री ठाकुर पहले बांका में पदस्थापित थीं. बाद में भागलपुर स्थानांतरित हो गईं. सीबीआई ने जयश्री को गिरफ्तार करने के लिए लंबे समय से प्रयासरत थी.गौरतलब है कि उसके खिलाफ सीबीआई ने पिछले वर्ष प्राथमिकी दर्ज की थी.