कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए मरीजों का होगा टीबी टेस्ट

ग्वालियर
प्रदेश में करीब दो लाख लोग ऐसे है जो कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए है। अब सवाल ये है कि निगेटिव आए मरीज अगर कोरोना संक्रमित नही है तो फिर कोरोना जैसे लक्षण से वह ग्रसित क्यो है? कही निगेटिव आए मरीज टीबी से ग्रसित तो नही? क्योकि कोरोना और टीबी दोनो बीमारियों के लक्षण मिलते-जुलते है। इसी आशंका के चलते प्रदेश में अभी तक कोरोना निगेटिव आए मरीजों की अब टीबी की जांच की जाएगी। मप्र राष्टÑीय स्वास्थ्य मिशन छवि भारद्वाज ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को इस संबध में आदेश जारी किए है। गौरतलब है कि प्रदेश में दो लाख 9 हजार से ज्यादा सैंपल अब तक टेस्ट के लिए भेजे जा चुके है। इनमे से करीब 9 हजार से ज्यादा पॉजीटिव आए। जबकि शेष लगभग दो लाख लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

मप्र एनएचएम के निर्देश मिलने के बाद ग्वालियर में कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए मरीजों की टीबी जांच करने की कवायद शुरू कर दी गई है। ग्वालियर जिले में अब तक 16115 सैंपल की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट सामने आई है। इनमें से 211 पॉजीटिव केस सामने आए। जबकि 152 सैंपल रिजेक्ट हुए है। वही करीब 15 हजार ऐसे लोग है जिनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। अब इन सभी को लिस्टेड करके इनकी लक्षणों के आधार पर टीबी की जांच की जाएगी।

फैक्ट फाइल

  • कोविड-19 एक वायरस विषाणु है। जबकि टीबी एक बैक्टीरिया जीवाणु है।
  • दोनों ही सूक्ष्म और अदृश्य हैं। इन दोनों के संक्रमण के लक्षण शुरूआती दौर में एक से पाए जाते हैं।
  • लक्षणों की इसी समानता के कारण कोरोना टेस्ट में निगेटिव आए मरीजों की अब टीबी की भी जांच की जाएगी।

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