कोरोना के चलते लॉकडाउन का अच्छा असर, पहली बार देश के 102 शहरों की हवा हुई साफ

 नई दिल्ली
 

देश के 104 में से दो शहरों को छोड़कर बुधवार को बाकी की हवा बनी रही। मौसम की हलचलों और कोरोना वायरस के चलते बरती जाने वाली ऐहतियातों के चलते ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत के तमाम शहरों की हवा इतनी ज्यादा साफ-सुथरी हो। बुधवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक भी 77 के अंक पर यानी संतोषजनक श्रेणी में रहा।

कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए देश के तमाम हिस्सों में वाहनों का आवागमन प्रभावित हुआ है। यूं तो प्रधानमंत्री ने मंगलवार की रात को देश में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा की। लेकिन, इससे पहले से ही सड़कों पर उतरने वाले वाहनों की तादाद में भारी कमी आ गई थी। इसके चलते वातावरण में पीएम 2.5 प्रदूषक कण और नाइट्रोजन ऑक्साइड के चलते होने वाले प्रदूषण में खासी कमी आई है। हाल ही में केंद्र द्वारा संचालित संस्था सफर ने मुंबई, पुणे, अहमदाबाद और दिल्ली के प्रदूषण में आई कमी पर अपनी रिपोर्ट भी जारी की थी। इसी क्रम में बुधवार को देश के ज्यादातर हिस्सों की हवा बेहद साफ-सुथरी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से प्रतिदिन देश के 104 शहरों के बारे में वायु गुणवत्ता बुलेटिन जारी किया जाता है। बुधवार को केवल दो शहर ऐसे रहे जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 के अंक के ऊपर यानी खराब श्रेणी में रहा।

लखनऊ, मुजफ्फरपुर की हवा खराब
सीपीसीबी के मुताबिक लखनऊ का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बुधवार को 220 के अंक पर और मुजफ्फरपुर का सूचकांक 275 के अंक पर रहा। 201 से ज्यादा सूचकांक होने पर उसे खराब श्रेणी में रखा जाता है। जबकि, जीरो से 50 तक के सूचकांक को अच्छा, 50 से 100 तक के अंक वाले सूचकांक को संतोषजनक और 101 से 200 तक के सूचकांक को मध्यम श्रेणी में रखा जाता है।

ये बड़े शहर सबसे अच्छे
शहर    वायु गुणवत्ता सूचकांक
लुधियाना    27
जलंधर    35
कोची    40
पंचकूला    43
चेन्नई    46

खुलकर सांस ले सकते हैं दिल्लीवाले
लॉकडाउन के चलते दिल्ली वाले भले ही घर के अंदर रहने को पाबंद हों, लेकिन इस समय हवा इतनी साफ-सुथरी है कि खुलकर सांस ली जा सकती है। सीपीसीबी के मुताबिक बुधवार दिन में राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 77 के अंक पर रहा। इस स्तर की हवा को संतोषजनक श्रेणी में रखा जाता है। दिल्ली में वर्ष भर में ऐसे मौके गिने-चुने ही होते हैं जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 100 के अंक के नीचे आता हो।

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