सिर्फ साइकल पर ही चलता है बेंगलुरु का यह सॉफ्टवेयर इंजिनियर

बेंगलुरु
छह साल पहले पेशे से सॉफ्टवेयर इंजिनियर अनिकेत सालुंखे की बेंगलुरु में नौकरी लगी थी। वह महाराष्ट्र के ठाणे से रहने आए थे। तब से वह अपने दफ्तर साइकल से ही जाते हैं। उनकी साइकल की एक खास बात और है कि उसकी सीट के पीछे एक संदेश लिखा है। यह संदेश है, 'हॉर्न? आप दौड़ नहीं लगा रहे।'

अनिकेत ने बताया कि उन्होंने मुंबई और मंगलुरु में पढ़ाई की। पढ़ाई के दौरान उन्हें पर्यावरण और जन मानस से जुड़े मुद्दों के बारे में सोचने का मौका नहीं मिला। उन्होंने बताया, 'मैं पढ़ाई में व्यस्त रहता था। मेरा सिर्फ एक उद्देश्य था कि पढ़ाई करके एक अच्छी नौकरी मिल जाए। जब मुझे बेंगलुरु में नौकरी मिली तो मैं यहां आ गया।'

अनिकेत ने बताया कि बेंगलुरु आने के बाद उन्हें एहसास हुआ कि आज लोग भौतिक चीजों के पीछे कितना भाग रहे हैं। लोग प्राकृतिक दुनिया को नजरअंदाज कर रहे हैं। उन्होंने साइकल से चलने का फैसला लिया। जब वह साइकल से चलने लगे तो उनके दोस्तों ने मजाक उड़ा लेकिन उन्होंने अपनी मुहिम चालू रखी।

अनिकेत ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त नवीन के साथ मिलकर पौधे लगाए। उन्होंने कहा, 'मैं एक कंप्यूटर इंजिनियरिंग का छात्र हूं, पर्यावरण और साइंस के बारे में बहुत ज्यादा नहीं जानता हूं लेकिन जितना भी मुझे पता है मैं प्रयास कर सकता हूं।'

अनिकेत को साइकल से चलने की प्रेरणा दो लोगों से मिली। एक तो आईआईटी प्रफेसर अशोक सागर, जिन्होंने मध्य प्रदेश के आदिवासियों के बीच काम करने के लिए अपने नौकरी छोड़ दी। दूसरे प्रेरणा के स्रोत हैं जादव पयंग, जिन्हें फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया के नाम से जाना जाता है।

अनिकेत ने बताया कि उन्हें कहीं भी जाना होता है वह साइकल से ही जाते हैं या फिर पब्लिक ट्रांसपॉर्ट बस या मेट्रो का ही प्रयोग करते हैं। वह छह साल से बेंगलुरु में नौकरी कर रहे हैं लेकिन अभी तक बाइक नहीं खरीदी।

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