कोरोना इफेक्ट : बिना वार्षिक परीक्षा अगली कक्षा में जा सकते हैं बच्चे

पटना  
कोरोना की वजह से बिहार के सरकारी स्कूली के छात्रों को शैक्षिक नुकसान नहीं होगा। संभव है कि पहली से आठवीं तक के प्रारंभिक कक्षाओं के बच्चों को बिना मूलयांकन (वार्षिक) परीक्षा लिए ही अगली कक्षा में प्रोन्नत कर दिया जाय। हालांकि इसपर अभी निर्णय होना बाकी है। 

मंगलवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर के महाजन ने कोरोना को लेकर विद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा स्थगित होने को लेकर पृछे जाने पर बताया कि विभाग विचार करेगा कि कैसे बिना मूल्यांकन विद्यार्थियों को अगली कक्षा में भेजा जाय। अप्रैल से हर स्कूल-कालेज में नया शैक्षिक सत्र शुरू होना है। 

महाजन ने जोर देकर कहा कि स्थिति सामान्य होते ही इसपर निर्णय होगा। हमारी कोशिश होगी कि हर हाल में बच्चों का शैक्षिक सत्र नियमित रहे और उन्हें किसी तरह का नुकसान न उठाना पड़े। पढ़ाई की जो क्षति हुई है उसकी भरपाई को लेकर हमलोग विचार कर रहे हैं। विदित हो कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में पहली से लेकर आठवीं कक्षा तक में करीब पौने दो करोड़ बच्चे नामांकित हैं। अगर बिना मूल्यांकन इन्हें अगली कक्षा में प्रोन्नति देने का निर्णय होता है तो सभी अगली कक्षा में पहुंच जायेंगे। वैसे बिहार शिक्षा परियोजना परिषद सिर्फ पांचवीं और आठवीं कक्षा के बच्चों की परीक्षा लेने को लेकर भी विचार बना सकता है। 

9वीं की पढ़ाई की तैयारी पूर्ववत 
महाजन ने कहा कि अप्रैल माह में राज्य की सभी पंचायतों में 9वीं कक्षा की पढ़ाई की तैयारी तेज गति से चल रही है। जिन मध्य विद्यालयों में वर्गकक्ष, शौचालय आदि का निर्माण होना था, जहां शिक्षकों की तैनाती होनी है, उपस्करों की व्यवस्था करनी है, ये तमाम तैयारियां अपने शिड्यूल के मुताबिक चल रही हैं। अप्रैल माह में हम इस तय लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

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