कोरोनावायरस जोर से बात करने पर हवा में फैल सकता है

 वाशिंगटन 
एक हालिया शोध के अनुसार, जो लोग जोर-जोर से बात करते हैं उनके मुंह से निकली हजारों बूंदें गायब होने से पहले आठ से 14 मिनट तक हवा में रह सकती हैं। यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के साथ किए गए इस शोध को पीएनएएस पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। इस शोध से कोविड-19 के फैलाव की हमारी समझ में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। 

श्वास संबंधी वायरस जैसे सार्स-कोव-2 या तो संक्रमित से सीधे संपर्क में आने पर फैलते हैं या फिर संक्रमित के मुंह से निकली बूंदों के हवा में तैरने के कारण। इसी वजह से खांसने और छींकने को इस प्रसार में अहम माना जाता है। लेकिन, सिर्फ बोलने से भी हवा में हजारों बूंदें निकलती हैं और शोधकर्ता यह देखना चाहते थे कि बोलने से मुंह से कितनी बूंदें निकलती हैं और कब तक हवा में मौजूद रहती हैं। 

कैसे किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने लोगों से वाक्यांशों को दोहराने के लिए कहा और संवेदनशील लेजरों का उपयोग उनके द्वारा उत्पादित बूंदों को देखा। उन बूंदों को एक बंद, स्थिर हवा के वातावरण में क्षय होते हुए भी देखा गया। पूर्व शोध में यह पता लगाया गया था कि कोविड-19 से संक्रमित मरीज के मुंह से निकली बूंदों में कितने वायरल आरएनए पाए जाते है। इस शोध के आधार पर नए शोध में पता चला है कि एक मिनट तक जोर-जोर से बोलने पर कम से कम 1000 वायरस युक्त बूंदें मुंह से बाहर निकल सकती हैं। उनके अवलोकनों से पता चलता है कि ये बूंदें आठ मिनट से अधिक समय तक हवा में रहती हैं, और कभी-कभी 14 मिनट तक भी रह सकती हैं। इस शोध को एक स्थिर हवा वाले कमरे में किया गया है इसलिए इसके परिणाम खुली हवा वाले वातावरण में कितने समान होंगे, इसके बारे में अभी और शोध करने की जरूरत है। 

बात करना भी हो सकता है खतरनाक
इस शोध से यह चिंता भी बढ़ गई है संक्रमित व्यक्ति के सिर्फ बात करने से भी घातक कोरोनावायरस को प्रसार हो सकता है। शोधकर्ता लिखते हैं कि उनके अनुमान रूढ़िवादी हैं। कुछ मरीज़ औसत से बहुत अधिक मात्रा में वायरस का उत्पादन करते हैं, जो कि वायरस युक्त बूंदों की संख्या को 100,000 से अधिक प्रति मिनट तक बढ़ा सकता है। इस शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि किसी भी परिस्थिति में मास्क पहनना अनिवार्य है ताकि किसी भी तरह से संक्रमण का प्रसार रुक सके। 

जर्मनी में कोयर गायन पर लगा प्रतिबंध
कोरोनावायरस के कारण चर्च में गाए जाने वाले कोयर (प्रार्थना गायन) पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। नौ मार्च को जब बर्लिन केथेड्रल कोयर अभ्यास के लिए जुटा था तब देश में कोरोनावायरस के सिर्फ 50 मामले थे। लेकिन, पांच दिन बाद 80 में से एक गायक ने निर्देशक टोबिस ब्रोमान को बताया कि वह कोविड-19 पॉजिटिव है। दो हफ्ते के अंदर 30 सदस्यों को पॉजिटिव पाया गया और अन्य 30 में भी लक्षण दिखाई देने लगे। कोयर गायन से कोरोनावायरस फैलने का खतरा काफी ज्यादा है क्योंकि इससे मुंह से बड़ी मात्रा में बूंदें निकलती हैं। एमस्टर्डम में भी 102 गायकों के कोयर समूह में सभी के बीमार पड़ने की बात सामने आई है। विशेषज्ञों ने गायन को महामारी के संबंध एक उच्च जोखिम वाली गतिविधि करार दिया है। 

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