कॉसमॉस बैंक पर साइबर अटैक के पीछे था उत्तर कोरिया का हाथ

पुणे 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की ओर से बनाए गए एक्सपर्ट्स के एक पैनल ने बताया है कि पुणे के कॉसमॉस कोऑपरेटिव बैंक पर साइबर हमले के पीछे उत्तर कोरिया का हाथ था। हैकर्स ने बैंक के सिस्टम में सेंध लगाकर कथित तौर पर 28 देशों में एटीएम से 94 करोड़ रुपये निकाल लिए थे। 

इस पैनल का गठन संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उत्तर कोरिया की ओर से उल्लंघन का पता लगाने के लिए किया गया था। पैनल की रिपोर्ट कॉसमॉस बैंक पर साइबर हमले के लगभग सात महीने बाद आई है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'पैनल ने पाया है कि उत्तर कोरिया वित्तीय प्रतिबंधों से बचने के लिए साइबर हमलों का इस्तेमाल कर रहा है।' कॉसमॉस बैंक पर साइबर हमले की जांच कर रही पुणे पुलिस और महाराष्ट्र के साइबर सेल को अभी तक इस अपराध के मुख्य आरोपी को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली है। 

पुणे पुलिस की विशेष जांच टीम ने इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस की ओर से पकड़े गए लोग अपराधियों और आपराधिक गिरोहों से जुड़े बिचौलिए हो सकते हैं। ये विदेश में बैठे अपराधियों के इशारे पर भी अपराध करते हैं। पुणे पुलिस के डेप्युटी कमिश्नर संभाजी कदम ने हमारे सहयोगी इकॉनमिक टाइम्स को बताया, 'हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट के बारे में पता चला है लेकिन हमने अभी तक इसे नहीं पढ़ा है।' 

14 करोड़ रुपये दूसरे देश में ट्रांसफर 
महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, 'इस मामले में कॉसमॉस बैंक के स्विफ्ट सिस्टम में सेंध लगाकर 14 करोड़ रुपये हांगकांग के एक बैंक को ट्रांसफर किए गए थे। बाकी के 80 करोड़ रुपये एटीएम के इस्तेमाल से निकाले गए थे।' 

कुछ और देशों से हासिल हुई है जानकारी 
अधिकारी के मुताबिक इसके लिए उस स्विच पर मालवेयर अटैक किया गया था जिसके जरिए वीजा और रूपे डेबिट कार्ड के पेमेंट गेटवे ऑपरेट करते हैं। उन्होंने कहा, 'एटीएम ऑपरेट करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हम अब मालवेयर अटैक की जांच करने की कोशिश कर रहे हैं। हमने ट्रेल का पता लगाने में सफलता पाई है और कुछ देशों से जानकारी हासिल की है। हम ओरिजिनल सर्वर का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं और उसके बाद ही हम यह कह सकेंगे कि सायबर हमला किसी ग्रुप या देश ने किया था।' 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट से मदद 
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट से जांच में मदद मिलेगी। इससे पहले महाराष्ट्र पुलिस और साइबर एक्सपर्ट्स ने इस साइबर हमले के पीछे लजारस ग्रुप का हाथ होने की आशंका जताई थी। इस हैकर ग्रुप में उत्तर कोरिया से संबंधित लोग शामिल हैं। 

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