कैसे अमेरिका का UNSC में नया कदम चीन को अलग-थलग कर सकता है

 नई दिल्ली 
अमेरिका ने गुरुवार को आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव का मसौदा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बढ़ाया है। फ्रांस और ब्रिटेन द्वारा समर्थित अमेरिका का यह कदम चीन को अलग-थलग कर सकता है। चीन पहले भी कई बार पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग में अड़ंगा लगा चुका है। इस महीने की शुरुआत में ही अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग वाला प्रस्ताव पेश किया था।  
अमेरिका के इस कदम का यह मतलब होगा कि चीन को इस प्रस्ताव पर चुपचाप वीटो का इस्तेमाल करने की जगह प्रस्ताव को ब्लॉक करने का कारण सार्वजनिक तौर पर बताना होगा। 

आम तौर पर लिस्टिंग कराए गए प्रस्ताव के साथ 10 दिन का नो ऑब्जेक्शन पीरियड होता है, लेकिन ड्राफ्ट को नो ऑब्जेकशन प्रावधान के तहत न लाकर अनौपचारिक रूप से चर्चा के लिए लाया जाएगा। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि इस पर वोटिंग कब होगी। यदि फिर वोटिंग होती है, तो भी चीन वीटो का इस्तेमाल कर सकता है। 

सूत्रों के मुताबिक, चीन के पास एक विकल्प है कि वह 'टेक्निकल' विरोध को हटा दे, लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करता है तो उसे सार्वजनिक तौर पर यह बताना होगा कि वह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी संगठन के मुखिया का समर्थन क्यों कर रहा है। 

चीन की अमेरिका को बड़ी धमकी 
चीन ने गुरुवार को अमेरिका पर संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद रोधी कमिटी के अधिकारों को कम करने का अरोप लगाया है। चीन ने कहा कि अमेरिका मसूद अजहर को वैश्विक आतंकियों की सूची में डालने का दबाव बनाकर संयुक्त राष्ट्र की आतंक विरोधी कमिटी के अधिकार कम कर रहा है। चीन ने कहा कि अमेरिका के इस कदम से यह मुद्दा और उलझ सकता है। 

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता शुआंग ने कहा कि यह बातचीत से प्रस्ताव के समाधान की बात नहीं है। इससे संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद विरोधी कमिटी के अधिकारों का हनन होगा। यह देशों की एकजुटता के अनुकूल नहीं है, इससे चीजें और उलझेंगी। शुआंग ने कहा, 'हम अमेरिका से उम्मीद करते हैं कि वह इस ममले में सावधानीपूर्वक आगे बढ़े और जबरन इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने से बचे।' 

प्रतिबंध कमिटी अपने सदस्य देशों के चर्चा के बाद अपना फैसला लेती है। हालांकि सिक्यॉरिटी काउंसिल में किसी प्रस्ताव को पास करने के लिए 9 वोटों की जरूरत होती है, जिसमें 5 स्थायी सदस्य देशों (अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन) के वोट भी होने चाहिए। 

सूत्रों ने कहा कि वहीं इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने कहा कि भारत को इस पूरे मामले की जानकारी है कि एक मसौदा काउंसिल मेंबर के समक्ष विचार के लिए पेश किया गया है, जिसमें आतंकी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की गई है। 

सूत्रों के मुताबिक, भारत ने कहा है कि क्योंकि यह मामला अभी काउंसिल मेंबर के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया गया है, इसलिए भारत का अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है। 
 

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