कैबिनेट की बैठक में सवर्ण आरक्षण को मंजूरी, इन प्रस्तावों पर भी लगी मुहर

भोपाल
मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक बुधवार को मंत्रालय में सपन्न हुई| इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है| गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक में मुहर लगी है| सामान्य वर्ग के जिन लोगों को आरक्षण दिया जाना है, उसका क्राइटेरिया सालाना आय 8 लाख रुपए, 5 एकड़ जमीन और 1200 स्क्वायर फीट तक का मकान तय किया गया है। यदि किसी की जमीन 5 एकड़ से ज्यादा है लेकिन वह बंजर है या पथरीली है तो उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिलेगा।

कैबिनेट की बैठक के बाद जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा, जयवर्धन सिंह और वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने संयुक्त प्रेस वार्ता कर फैसलों की जानकारी दी| जनंसपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है| केंद्र सरकार के नियम को सर प्लस करके तय किया गया जिसकी आय 8 लाख से कम होगी, 5 एकड़ जमीन और बंजर जमीन जिसकी 3 साल की रिकॉर्ड नही हो, 1200 स्क्वायर फीट का मकान हो नगर निगम में, नगर पालिका में 1500 और नगर पंचायत में 1800 स्क्वायर फीट से कम होगा उन्हें इसका लाभ मिलेगा|

इसके अलावा बैठक में इंदौर भोपाल में मेट्रो चलाने से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी मिली है| मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि  भोपाल मेट्रो में 6,900 करोड़ और इंदौर मेट्रो में 7,500 करोड़ की लागत आएगी , 20 फीसदी राज्य, 20 फीसदी केंद्र और 60 फीसदी लोन लेकर फंड की व्यवस्था की जायेगी|  सरकार का प्रयास है कि 2023 तक पहली लाइन की शुरुआत हो|

टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए होटल बार के लाइसेंस के लिए सुधार किया गया है|  वाणिज्यिक कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि अब बार लाइसेंस के लिए 1500 वर्ग फिट का कक्ष होना जरूरी होगा| 10 कमरों के बार के लिए लाइसेंस नहीं मिलेगा| अब बार लाइसेंस के लिए कमसे कम 25 कमरे हों जिसमे कमरे का एरिया 150 वर्ग होना चाहिए जिसमें कमसे कम 15 ऐसी वाले कमरे होने चाहिए| वहीं वन सेंचुरी के 10 km के परिधि में कोई होटल खोलना चाहता है तो उसके लिए फीस भी कम की जायेगी| होटल और बार का रिनुअल करने में वर्षो गुज़रते थे पर अब इसमें सुधार किया गया है, 7 दिन के अंदर विभाग परमिशन देगा| छोटे स्थलों पर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नियमों का सरलीकरण किया गया है|

इसके अलावा बैठक में विधि विभाग ने कोर्ट फीस बढ़ाने का फैसला लिया है| लॉ मिनिस्ट्री में अधिवक्ता को मिलने वाला लाभ में जो फीस ट्रेंड है उसे 50 से बढ़ाकर 100 और लोअर में 20 से बढ़ाकर 40 कर दिया है| 

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