केजीएमयू में डॉक्टर को कोरोना के बाद भी बरती जा रही लापरवाही

 लखनऊ 
रेजिडेंट के कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद भी केजीएमयू प्रशासन हरकत में नहीं है। रेजिडेंट डॉक्टर को कोरोना वायरस कैसे हुआ? क्या इलाज करते वक्त कोई लापरवाही बरती गई? संदिग्ध या संक्रमित मरीज का नमूना एकत्र करने में चूक हुई? इसे पता तक करने की जहमत नहीं उठाई जा रही है।

कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए साफ-सफाई जरूरी है। मरीजों के इलाज के लिए तमाम प्रोटोकॉल बने हैं। इसके बावजूद केजीएमयू के रेजिडेंट में संक्रमण की पुष्टि से पूरी व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। मसलन आइसोलेशन समेत क्वॉरेन्टाइन वार्ड को विसंक्रमित करने में मानकों का पालन हो रहा है या नहीं। रेजिडेंट ने नमूना लेते वक्त सभी जरूरी सावधानी बरती या नहीं। जिस किट को पहनकर नमूना एकत्र करने का काम हो रहा है, उसकी गुणवत्ता परखी गई या नहीं। अभी तक इन कारणों को पता लगाने के लिए अफसरों ने कोई कदम नहीं उठाया है।
केजीएमयू में संक्रमण को फैलने से रोकने की जिम्मेदारी माइक्रोबायोलॉजी विभाग पर है। हर साल करोड़ों रुपये संक्रमण पर काबू पाने के लिए फूंके जा रहे हैं। इसके बावजूद हाल खराब है। 

रेजिडेंट डॉक्टर के संपर्क में आए हैं काफी लोग 
कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में आए रेजिडेंट डॉक्टर के संपर्क में आए सभी लोगों की खोजबीन शुरू कर दी गई है। पता चला है कि सोमवार को एक बैठक में भी शामिल हुए थे। उसमें बड़ी संख्या में डॉक्टर समेत दूसरे लोग शामिल हुए थे। 
केजीएमयू में कोरोना वार्ड में तैनात स्टाफ ड्यूटी के बाद घर जाता था। ऐसे में चिकित्सक में वायरस की पुष्टि होने से परिवारीजनों में भी हड़कंप है। घर के सदस्यों को होम क्वारेंटाइन में रहने की सलाह दी गई। मंगलवार दिन में संक्रमित चिकित्सक ट्रीटमेंट, डायग्नोस्टिक कमेटी की बैठक में शामिल हुआ था। डॉक्टर के संपर्क में आए सभी लोगों के नमूने जांच के लिए एकत्र किए जा रहे हैं।

संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए नई टीम बनी  
रेजिडेंट डॉक्टर में संक्रमण की पुष्टि के बाद केजीएमयू ने छह सदस्यीय डॉक्टरों की नई टीम गठित की है। अब यह टीम कोरोना के संदिग्ध व संक्रमित मरीजों को इलाज मुहैया कराएगी। केजीएमयू में कोरोना संक्रमित दो मरीज भर्ती हैं। बुधवार को रेजिडेंट डॉक्टर संक्रमण की चपेट में आ गया। इसके बाद पुरानी टीम के सभी डॉक्टर व कर्मचारियों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। हालांकि अभी 17 डॉक्टर व कर्मचारियों की जांच रिपोर्ट आ गई जिसमें संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार के मुताबिक छह डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। डॉ. सुधीर कुमार वर्मा के निर्देशन में टीम काम करेगी। 

आईसोलेशन वार्ड बढ़ाए गए, अब 74 हुए
केजीएमयू में कोरोना संक्रमित मरीज व संदिग्ध लोगों को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती के लिए बेड की संख्या बढ़ा दी गई है। अभी तक 52 आरक्षित किए गए थे। इसे बढ़ाकर 74 कर दी गई है। इसमें 10 बेड आईसीयू के शामिल हैं।

कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए केजीएयमू में टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है। इसमें कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट, कुलसचिव, वित्ताधिकारी, सीएमएस समेत अन्य अफसर शामिल हैं। बुधवार को इसकी पहली बैठक हुई।  उधर, कमांड हॉस्पिटल में आईसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए दोनों विभागों के अफसर वार्ता कर रहे हैं। 

डॉक्टर-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द, 11 बजे तक पंजीकरण  
 केजीएमयू प्रशासन ने कोरोना के मद्देनजर डॉक्टर और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी के मुताबिक  मरीजों को दुश्वारियों से बचाने के लिए सभी डॉक्टर व कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं।

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक सभी शिक्षक, रेजिडेंट और कर्मचारियों को अवकाश पर पाबंदी लगाई गई है। वहीं, ओपीडी में मरीजों का दबाव कम करने के लिए पंजीकरण का समय घटा दिया गया है। सुबह नौ से 11 बजे तक ही ओपीडी में पंजीकरण होगा। वहीं एमबीबीएस, बीडीएस व पैरामेडिकल की कक्षाओं को रद्द किया है।

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