रेलवे में टिकट प्रिंटिंग बंद करने, RPF से टिकट चेक कराने का प्रस्ताव

नई दिल्ली

रेलवे जोन के प्रस्ताव पर रेलवे बोर्ड की मुहर लगते ही भारतीय रेलवे में ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिलेंगे. इन प्रस्तावों को लागू किए जाने के बाद रेलवे यात्री टिकट को प्रिंट करना बंद कर देगा, स्टेशन मास्टर्स सिग्नल मेंटेनर के रूप में भी काम करेंगे, टीटी की जगह आरपीएफ स्टाफ और यात्रा के दौरान ट्रेन में मौजूद तकनीशियन टिकट की जांच करेंगे. बदलाव संबंधी ये सभी प्रस्ताव रेलवे को उसके अलग-अलग जोन से प्राप्त हुए हैं. हालांकि, रेलवे बोर्ड द्वारा अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इन प्रस्तावों को हरी झंडी मिलने के बाद रेलवे और बेहतर तरीके से काम कर पाएगा.

रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि रेलवे बोर्ड परिचालन को सुव्यवस्थित बनाने के लिए अपने कर्मचारियों को कई कामों के लिए प्रशिक्षित और बहु-कुशल बनाने की योजना बना रहा है. रेलवे बोर्ड 2019 में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद से ही अपनी 8 सेवाओं को एक केंद्रीय सेवा 'भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा' में एकीकृत करने के तौर-तरीकों पर काम कर रहा है.

हालांकि विभिन्न क्षेत्रों से प्रस्ताव अभी भी आ रहे हैं और इस मामले पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है, अधिकारियों ने कहा कि एक बार प्रक्रिया पूरी होने के बाद रेल नेटवर्क में कार्यों का बेहतर तरीके से प्रबंधन हो सकेगा.

बता दें कि अभी तक इन प्रस्तावों में अकाउंट्स, कॉमर्शियल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, मेडिकल, पर्सनल, ऑपरेटिंग, स्टोर, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन (दूरसंचार) विभागों समेत कई अन्य पदों के विलय करने का सुझाव दिया गया है.

'फ्लाइट्स की तरह बनाएं टिकट'

इन प्रस्तावों में से एक के मुताबिक, 'रेलवे को भी एयरलाइंस की तर्ज पर टिकट की प्रिंटिंग नहीं करनी चाहिए. बल्कि यात्रियों को अपने मोबाइल पर ही टिकट दिखाने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए या हवाई अड्डों पर लगे सेल्फ-प्रिंटिंग बोर्डिंग पास की तरह ही ट्रेन यात्रियों को भी सेल्फ-टिकट प्रिंटिंग मशीन पर प्रिंट करने की सुविधा दी जानी चाहिए.'

एक अन्य रेलवे जोन के प्रस्ताव में कहा गया कि ट्रेन में मौजूद रहने वाले टेक्निकल स्टाफ को टिकट चेक करने की ड्यूटी में लगाया जा सकता है. जबकि एक अन्य ने सुझाव दिया कि रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मचारियों को स्टेशनों पर टिकटों की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए.

प्रस्ताव के मुताबिक, 'रेलवे टेक्निकल स्टाफ को टिकटों की जांच और कोचों के रखरखाव की जिम्मेदारी दी जा सकती है. साथ ही रिटायरिंग रूम अटेंडेंट और वेटिंग रूम अटेंडेंट को मर्ज किया जा सकता है.'

इसके अलावा, प्रस्तावों में सभी टिकट चेकिंग, आरक्षण और पूछताछ से जुड़े सभी पदों को वाणिज्यिक विभाग (कमर्शियल डिपार्टमेंट) विलय करने की बात कही गई है. तीन अन्य जोन के प्रस्तावों के अनुसार, 'राजमिस्त्री, प्लंबर, बढ़ई, फिटर, वाल्वमैन और इलेक्ट्रीशियन के पदों का विलय किया जा सकता है.'

साथ ही रेलवे वर्तमान में चल रहे मेडिकल कैडर के 7 श्रेणियों को 4 में विलय कर सकता है. प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से पहले समिति द्वारा जांच की जाएगी और अनुमोदन के लिए रेलवे बोर्ड को भेजा जाएगा. हालांकि, समिति के पास इस पूरी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1 महीने का समय है. लेकिन रेलवे बोर्ड इन प्रस्तावों को हरी झंडी दे देता है तो भारतीय रेल के इतिहास में ये सबसे बड़े बदलाव होंगे.

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