कुत्ते ने काटा तो वैक्सीन के लिए चाहिए ‘वीआईपी’ की पैरवी

 
नई दिल्ली 

ऐंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) के शॉर्टेज की हालत यह है कि लोग हॉस्पिटल्स में वीआईपी की चिट्ठी लेकर वैक्सीनेशन के लिए पहुंच रहे हैं। पैरवी करा रहे हैं। आरएमएल अस्पताल में डॉग बाइट वैक्सीन के लिए रोजाना लगभग एक हजार मरीज पहुंच रहे हैं। लोग ओपीडी के साथ-साथ इमर्जेंसी में भी पहुंच रहे हैं। अस्पताल एआरवी की वजह से ओवरलोड हो रहा है। हालात यह है कि सरकारी अस्पतालों में ऐंटी रेबीज वैक्सीन की भारी कमी है। महीनों से स्टॉक खत्म है। दिल्ली सरकार के डायरेक्टर जरनल हेल्थ सर्विसेज (DGHS) डॉक्टर अशोक कुमार राणा ने कहा कि सप्लाई ही नहीं आ रही है। हम री टेंडर करने जा रहे हैं।  
 
बढ़ रही मरीजों की संख्या, स्टॉक खत्म 
एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि हमारे यहां वैक्सीन नहीं है। मरीज आते हैं और मायूस होकर चले जाते हैं। वैक्सीन न होने से लोग सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। अस्पताल का कहना है कि बीच में हमने लोकल पर्चेज कर वैक्सीन उपलब्ध कराई थी, लेकिन मरीजों की अधिक संख्या होने से कुछ ही दिनों में स्टॉक खत्म हो गया। अब लोकल पर्चेज में भी नहीं मिल रहा है। मरीज परेशान हैं और हम लाचार। 

ARV के लिए रोजाना 900 से 1000 मरीज
आरएमएल अस्पताल के डॉक्टर का कहना है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में कहीं वैक्सीन नहीं मिलने से यहां 900 से 1000 मरीज रोज वैक्सीन के लिए पहुंच रहे हैं। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि इस प्रेशर को मैनेज कर सकें। लेकिन लोग पैरवी लेकर पहुंच रहे हैं। अगर यही हालत रही तो इसके लिए अलग से प्लान करना होगा, ताकि सभी मरीज सही से मैनेज हो सकें। 

लोकल मार्केट में भी नहीं
आरएमएल और सफदरजंग को छोड़कर दिल्ली के सभी प्रमुख अस्पतालों में एआरवी नहीं है। खासकर दिल्ली सरकार और एमसीडी के अस्पतालों में महीनों से यह वैक्सीन नहीं है। एलएनजेपी के डॉक्टर का कहना है कि हम लोकल पर्चेज के लिए भी तैयार हैं, लेकिन बाजार में भी वैक्सीन नहीं है। 

प्राइवेट अस्पतालों में महंगी है वैक्सीन
डॉक्टर ने बताया कि एक वैक्सीन में एक एमएल इंजेक्शन होता है। सरकारी अस्पताल में एक वैक्सीन चार-पांच लोगों को दी जाती है, लेकिन प्राइवेट अस्पताल में एक एमएल वैक्सीन एक ही मरीज को दी जाती है। इससे भी वहां वैक्सीनेशन महंगी है। 
 

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