किसानों को बढ़ते उत्पादन की खपत और पूरा मूल्य दिलाने के लिए योजना बनेगी

भोपाल

मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा है कि किसानों को बढ़ते उत्पादन की खपत और उसका पूरा मूल्य दिलाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार शीघ्र ही योजना बनाने जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस योजना में नाबार्ड से सहयोग करने को कहा है। कमल नाथ ने आज मंत्रालय में नाबार्ड के प्रतिनिधि-मंडल से मुलाकात के दौरान यह बात कही। नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक  सुनील कुमार बंसल ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों और संबंधित संस्थाओं को 3000 करोड़ रूपए की अंशपूँजी देने की घोषणा की सराहना करते हुए कहा कि देश में सहकारिता को मजबूत करने के संबंध में किसी भी प्रदेश का यह पहला प्रयास है। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड द्वारा सहकारिता क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने नाबार्ड को किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों में सक्रिय भागीदारी निभाने को कहा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में उद्यानिकी, विशेषकर फूलों की खेती के क्षेत्र में बड़ी संभावनाएँ हैं। नाबार्ड इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ ही खाद्य प्र-संस्करण इकाइयों को बढ़ावा दे। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बन रहे फूड पार्क में उत्पादित वस्तुओं की बेहतर मार्केटिंग की व्यवस्था में भी सहयोग देने को कहा जिससे किसानों को उनके उत्पादन का सही मूल्य मिल सके।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के मुख्य महाप्रबंधक सुनील कुमार बंसल ने राज्य सरकार द्वारा सहकारिता के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों की सराहना की। श्री बंसल ने बताया कि राज्य सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में जो कदम उठाए हैं, नाबार्ड उसमें पूरा सहयोग प्रदान करेगा। बंसल ने बताया कि वर्ष 2019-20 में नाबार्ड द्वारा मध्यप्रदेश सरकार के लिए 25 हजार 560 करोड़ रूपए की योजना स्वीकृत की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 5 हजार करोड़ रूपए ज्यादा है और पिछले सात वर्ष के दौरान दस गुना अधिक है। इस वित्तीय सहायता में 10 हजार 800 करोड़ रूपए नाबार्ड सहायतित विभिन्न निधियाँ हैं, जो ग्रामीण अधोसंरचना के विकास पर खर्च की जायेगी। राज्य सरकार के फेडरेशन को 4 हजार करोड़, दीर्घकालीन सिंचाई निधि में 2 हजार 100 करोड़ और डेयरी विकास के लिए 200 करोड़ रूपए दिए जाएंगे। साथ ही किसानों को फसली ऋण के लिए सहकारी क्षेत्र की संस्थाओं को 10 हजार 700 करोड़ रूपए पुनर्वित्त के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश में किसान उत्पादक संघ, आदिवासी क्षेत्रों में बगीचा, वॉटर शेड, बुनकरों के लिए क्लस्टर निर्माण और इंडियन पोस्टल पेमेंट बैंक तथा एसबीआई के बीच नाबार्ड द्वारा करार किया गया है। सहकारी बैंकों को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है ताकि वे भुगतान की नई तकनीक से जुड़ सकें।

 बंसल ने बताया कि ग्रामीण कारीगरों और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विपणन के लिए भी विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। नाबार्ड ग्रामीण कारीगरों और महिला स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार वस्तुओं की मार्केटिंग के लिए शीघ्र ही भोपाल हाट में उमंग-2019 का आयोजन करेगी। इसमें मध्यप्रदेश सहित देश के 31 राज्य के स्व-सहायता समूह और ग्रामीण कारीगर शामिल होंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में आमन्त्रित किया।

प्रतिनिधि मंडल में नाबार्ड के महाप्रबंधक डॉ. टी.एस. चौहान, डॉ. के. अर्धनारेश्वरम् एवं उप महाप्रबंधक  गौतम सिंह शामिल थे।

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