कारगिल युद्ध के 20 साल: ग्वालियर के महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन पर सेमीनार का आयोजन

ग्वालियर
कारगिल विजय के 20 साल पूरे होने जा रहे हैं. इस मौके पर मध्य प्रदेश में ग्वालियर के महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन पर सेमीनार का आयोजन किया गया है. बता दें कि सोमवार को सुबह 8 से 8.45 एयर शो का कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसके बाद 8.45 से 9.30 बजे तक Weapons का डेमोस्ट्रेशन किया गया. वहीं सुबह 9.45 से 10.15 तक PC होगी.

गौरतलब है कि ग्वालियर का महाराजपुरा एयरबेस इंडियन एयरफोर्स के मिराज एयरक्राफ्ट का सबसे बड़ा स्टेशन है. 20 साल पहले सन् 1999 कारगिल युद्ध में मिराज इतिहास लिख चुका है. कारगिल युद्ध के समय मिराज ने ग्वालियर से उड़ान भरकर 30 हजार फीट की ऊंचाई से दुश्मन पर हमला किया था. इसमें लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया गया था.

कारगिल युद्ध के समय ऑपरेशन 'सफेद सागर' में कारगिल की पहाड़ियों में छिपे दुश्मन को मारने की जिम्मेदारी ग्वालियर के महाराजपुरा एयरबेस पर तैनात मिराज स्क्वाड्रन को सौंपी गई थी. ग्वालियर का महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन 1942 में बना था और अब तक हुए युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है. सन् 1965, 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में इसी एयरफोर्स स्टेशन से लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी थी.

वहीं साल 2019 फरवरी में हुई एयर स्ट्राइक के दौरान भी ग्वालियर एयरबेस ने अहम रोल निभाया था. बता दें कि महाराजपुरा एयरफोर्स स्टेशन देश का एकमात्र एयरबेस है, जहां फाइटर प्लेन में हवा में ईंधन भरा जा सकता है. यानी अगर युद्ध के दौरान उड़ान के वक्त किसी फाइटर प्लेन को ईंधन की जरूरत पड़ी तो इस एयरबेस पर तुरंत दूसरा जेट प्लेन हवा में जाकर उसे रिफ्यूल कर सकता है.

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