कांग्रेस-बीजेपी के संघर्ष के बीच देश में छठे पायदान पर पहुंचा मध्य प्रदेश

भोपाल
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के मरीजों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है. वहीं, देश का दिल कहे जाने वाले मध्यप्रदेश के आंकड़े भी चिंताजनक हैं. मध्य प्रदेश में पॉजिटिव केसों (Corona Positive cases) की संख्या 480 का आंकड़ा पार कर चुकी है. आलम ये है कि देश भर में एमपी अब कोरोना संक्रमण के मामले में छठे स्थान पर आ चुका है.

इन आंकड़ों को देखने के बाद मन में एक सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर कहां चूक रह गई. दरअसल, एमपी में जिस समय कोरोना पैर पसार रहा था, उस समय कांग्रेस सरकार खुद को बचाने में और बीजेपी खुद को सत्ता में लाने में जुटी हुई थी. एमपी का बिग पॉलिटिकल ड्रामा उस समय लंबा चला जब मध्यप्रदेश में कोरोना से बचाव की तैयारियों को शुरू करने का वक्त था, तब हाल ये था कि तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट प्रदेश को छोड़ सिंधिया समर्थक बन बेंगलुरु में डेरा डाले बैठे थे.

हालांकि जब तक कांग्रेस की सरकार गई और बीजेपी की आई तब तक बहुत देर हो चुकी थी. एमपी में कोरोना घुसपैठ कर चुका था और आज की तारीख में पूरे प्रदेश में तांडव मचाकर शासन और प्रशासन को हिला दिया है. 3 दर्जन से ज्यादा लोग जिंदगी से हाथ धो चुके हैं और ऐसे ही हालत रहे तो न जाने कोरोना कितनी जिंदगियां और लील ले.

प्रदेश में संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता को यह समझाने में लगे हैं कि कोरोना से कैसे बचा जाए और यदि मास्क उपलब्ध ना हो तो कैसे घरेलू मास्क बनाया जाए. समय-समय पर सीएम जनता के बीच स्वास्थ्य सेवाओं के अपडेट को भी साझा करते रहते हैं. प्रदेश की स्थिति बिगड़ती देख सीएम अन्य राज्यों के सीएम और अधिकारियों से भी स्थिति सुधारने के सुझाव मांग रहे हैं.

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