कांग्रेस ने दिए अलका लांबा की वापसी के संकेत

नई दिल्ली 
चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी की विधायक अलका लांबा की कांग्रेस में वापसी की चर्चाओं के बीच दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा है कि अलका हमारे परिवार का हिस्सा रही हैं। कुछ समय के लिए वह बेशक बाहर चली गई थी और अब अगर वह पार्टी में लौटना चाहती हैं तो कांग्रेस परिवार में उनका स्वागत है। जब चाको से पूछा गया कि अलका कांग्रेस से बुलावे का इंतजार के बारे में कह रही हैं तो इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में प्रदेश कांग्रेस कमिटी से बात करनी चाहिए। समय-समय पर कांग्रेस छोड़कर गए लोग परिवार में वापस आना चाहते हैं, उनका हमेशा स्वागत है।  

अलका लांबा ने कहा कि उनके लिए यह बहुत सम्मान की बात है कि दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको उन्हें आज भी कांग्रेस परिवार का हिस्सा मानते हैं। उन्होंने कहा कि अभी उन्हें कांग्रेस की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई फोन नहीं आया है, लेकिन अगर कांग्रेस से बुलावा आता है तो वे वापसी के लिए तैयार हैं। कांग्रेस में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन पर मंथन चल रहा है और खबरों में आ रहा है कि गठबंधन होने पर चांदनी चौक सीट कांग्रेस के खाते में जा सकती है। ऐसे में कांग्रेस में वापसी होने पर वे लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक लोकसभा सीट पर कांग्रेस के लिए बिना किसी परेशानी के काम कर सकेंगी। 

कांग्रेस के टिकट पर चांदनी चौक से लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर अलका ने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात होगी, अगर पार्टी उनको मौका देती है। उनकी वापसी और चुनाव लड़ने के बारे में फैसला कांग्रेस को करना है। वहीं, इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि अगर अलका लांबा को कांग्रेस जॉइन करनी है, तो उन्हें आप से इस्तीफा देना होगा। इसका मतलब यह होगा कि उन्हें अपनी विधायक की सीट भी खोनी पड़ेगी। विधायक कुर्सी छोड़ने के लिए साहस की जरूरत होगी, क्योंकि कांग्रेस में 20 साल से ज्यादा तक रहने के बाद भी लोगों को विधायक की कुर्सी नहीं मिल पाती। उन्होंने कहा कि अलका आप से इस्तीफा देकर कांग्रेस में जा सकती हैं। 

अलका लांबा के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं काफी समय से चल रही हैं। बीते शुक्रवार को अलका लांबा ने एक ट्वीट कर कहा कि 5 साल पहले दिल्ली में बीजेपी को हराने के लिए मैंने कांग्रेस का 20 साल पुराना साथ छोड़ा था और बीजेपी हारी। आज जब देश में बीजेपी को हराने की बारी आई है, तो 5 साल का साथ छोड़ना गलत कैसे? 

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