कांग्रेस की बैठक में सिंधिया से भिड़े कांग्रेसी, बाहर निकलने पर भी हुई नोकझोंक
भोपाल
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद अब अंदरूनी कलाह भी सब के सामने आ रही है। मंगलावर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिली हार की समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया हार के कारणों पर चर्चा कर रहे थे। तभी उनके सामने पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने गुलाम नबी आज़ाद की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए। जब सिंधिया ने उन्होंने रोका तो वह उनसे ही भिड़ गए। फिर क्या था बैठक में चर्चा के बजाए हंगामा खड़ा हो गया।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया हार की वजह तलाशने के लिए पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे। इस दौरान कांग्रेस नेता केके शर्मा से उनकी तीखी नोक झोंक हो गई। जिसके बाद सिंधिया ने शर्मा से बाहर जाने के लिए कहा। साथ ही समीक्षा बैठक के स्थल के बाहर भी दो नेता आपस में उलझ गए। बैठक से बाहर गाजियाबाद कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा प्रत्याशी के परिजनों के बीच भी तीखी झड़प हुई। इस बीच, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बाकी सीटों को लेकर समीक्षा बैठक 14 जून को लखनऊ में होगी। न्यूज एजेंसी ने बैठक से बाहर हुई झड़प का वीडियो जारी किया है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
#WATCH: Argument between Congress leaders from Western Uttar Pradesh following a review meeting in Delhi on election results in UP; a Congress leader says, "it's our internal matter". pic.twitter.com/HUPt5uih2R
— ANI (@ANI) June 11, 2019
शर्मा ने आरोप लगाया कि पार्टी की बैठक का आयोजन सुबह 10 बजे से किया गया था। जबकि इसकी शुरूआत शाम 3 बजे हुई। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी शीर्ष पदों पर आसीन नेता अन्य सदस्यों के साथ बैठक किए बिना ही निर्णय ले रहे हैं। यही वजह है कि चुनाव में सफलता नहीं मिली। चुनाव में कांग्रेस का निराशाजनक प्रदर्शन रहा। उन्होंने कहा, “मैंने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बैठक में कहा कि मेरे पास गुलाम नबी आजाद के बारे में बताने के लिए काफी कुछ है।
बैठक में शामिल होने आए पश्चिम उत्तर प्रदेश के नेताओं के बीच यूपी भवन के बाहर तीखी नोकझोंक भी हुई। हालांकि, इसके बारे में पूछे जाने पर नेताओं ने कहा, ‘यह हमारा अंदरूनी मामला है।’ पार्टी नेताओं ने बैठक में यह भी कहा कि बड़े नेता राहुल गांधी को दिग्भ्रमित कर रहे हैं। राहुल गांधी अकेले संघर्ष कर रहे हैं।