घर से संकट दूर करने के लिए इस दिशा में लगाएं संकटमोचन का चित्र

कहते हैं कि जब किसी को किसी चीज़ का डर हो तो वह हनुमान चालीसा के पाठ का जाप करे तो वह अपने भय को कम कर सकता है। ऐसे ही वास्तु और ज्योतिष के अनुसार जिस घर में हनुमान जी की प्रतिमा होती है, वहां मंगल, शनि, पितृ और भूतादि का दोष नहीं रहता है। लेकिन क्या किसी को इस बात का पता है कि उनकी प्रतिमा या चित्र को किस दिशा में लगाने से बेहतर लाभ मिलेगा? अगर नहीं तो आज हम आपको इसी के बारे में बताएंगे। क्योंकि इस बारे में ज्ञात होना कि घर में बजरंगबली का चित्र किस तरफ हो तो शुभ होता है। 

वास्तु के अनुसार हनुमान जी का चित्र हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखते हुए लगाना चाहिए और साथ ही इस बात का भी ध्यान रहे कि उनका चित्र बैठी मुद्रा में और लाल रंग का होना चाहिए। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी का चित्र इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि बजरंगबली ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है। हनुमानजी का चित्र लगाने पर दक्षिण दिशा से आने वाली हर बुरी ताकत हनुमानजी का चित्र देखकर लौट जाती है। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ती है।

शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और इसी वजह से उनका चित्र शयनकक्ष में न लगाकर घर के मंदिर में या किसी अन्य पवित्र स्थान पर रखना शुभ रहता है। 

अगर घर पर नकारात्मक शक्तियों का असर है तो आप हनुमान का शक्ति प्रदर्शन की मुद्रा में चित्र लगाएं। या फिर चाहे तो पंचमुखी हनुमानजी का चित्र मुख्य द्वार के ऊपर लगा सकते हैं। ऐसे लगाने से बुरी शक्तियों से बचा जा सकता है। 

वास्तु विज्ञान के अनुसार पंचमुखी हनुमानजी की मूर्ति जिस घर में होती है, वहां उन्नति के मार्ग में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और धन संपत्ति में वृद्धि होती है।

घर की बैठक में आप श्रीराम दरबार का फोटो लगाएं, जहां हनुमानजी प्रभु श्रीरामजी के चरणों में बैठे हुए हैं। इसके अलावा बैठक में पंचमुखी हनुमानजी का चित्र, पर्वत उठाते हुए हनुमान का चित्र या श्रीराम भजन करते हुए हनुमंत का चित्र लगा सकते हैं। 

कहते हैं कि अगर आपके तरक्की के मार्ग में रुकावट आ रही हो तो पर्वत उठाए हुए हनुमान की चित्र लगाना चाहिए।  

यदि यह चित्र आपके घर में है तो आपमें भक्ति और विश्वास का संचार होगा। यह भक्ति और विश्वास ही आपके जीवन की सफलता का आधार है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *