कांग्रेस की एकलौती महिला सांसद को नहीं मिली DMF कमेटी में जगह, BJP ने बताई ये वजह

रायपुर
छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने सूबे के 21 जिलों के लिए डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड (DMF) गवर्निंग कमेटियों का गठन कर दिया है. इस गवर्निंग कमेटी की नियुक्ति तीन साल के लिए होगी. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस (Congress) की एकमात्र महिला सांसद ज्योत्सना महंत (Jyotsna Mahant) को कोरबा (Korba) जिले की डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड गवर्निंग कमेटी में जगह नहीं मिल पाई. वहीं बस्तर के सांसद दीपक बैज को चार जिलों की डीएमएफ (DMF) कमेटी का मेम्बर बनाया गया है. ज्योत्सना विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत (Dr. Charandas Mahant) की पत्नी हैं. इस तरह उनके ही जिले की कमेटी से नाम गायब होने का मामला सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में खलबली मच गई है.

डीएमएफ फंड की उपयोगिता को लेकर राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी की पहली सूची में कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत का नाम शामिल नहीं किया गया है. इस मुद्दे पर विपक्षीय दल बीजेपी (BJP) ने सत्ताधारी दल कांग्रेस पर जमकर कटाक्ष किया है. बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव (Sanjay Shrivastav) ने कहा कि कांग्रेस के भीतर भंयकर द्वंद युद्ध चल रहा है. यही कारण हैं कि पहली सूची से कांग्रेस के ही सांसद का नाम गायब है. अब जब सरकार हर किसी बातों की जांच कर रही है, क्या इस सूची की जांच करने ये देखने वाली बात होगी. बीजेपी के आरोपों पर सत्ताधारी दल की ओर से वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे (Ravindra Chaubey) ने सीधे शब्दों में कहा कि नाम तय करने का काम सरकार का है. कौन कमेटी में है कौन नहीं है, इस पर ज्यादा चर्चा नहीं की जानी चाहिए. सरकार की नियत पर ध्यान दिया जाना चाहिए, कमेटी के सदस्यों पर नहीं.

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