कांग्रेस का घोषणापत्र: कुछ ने कहा चुनावी जुमला, कुछ ने मानी बीजेपी के लिए चुनौती

 मुंबई 
लोकसभा चुनाव जीतकर सत्ता में आने के लिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कई वादे किए हैं। इसमें एससी/एसटी ऐक्ट को लेकर सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सवर्णों को लुभाने के लिए बिना सुनवाई के गिरफ्तारी और जेल में डालने वाले कानून में संशोधन करने का वादा उसने अपने घोषणापत्र में किया है।  
 
वकीलों की राय 
वरिष्ठ वकील आभा सिंह के मुताबिक, कांग्रेस ने घोषणापत्र में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 को हटाकर मानहानि को दीवानी अपराध बनाने की बात कही गई है। वर्तमान परिस्थिति में यह गलत पहल है। देश के संविधान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है, लेकिन कुछ लोग इस आजादी को खत्म कर रहे हैं। किसी ने कुछ विचार प्रकट किया, इसके बाद उसे लोग सोशल मीडिया पर बदनाम करने लगते हैं। यह चलन तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में मानहानि को गैर आपराधिक बनाने की बात करना उचित नहीं है। साथ ही, आईपीसी की धारा 124ए का दुरुपयोग सच में बढ़ा है। इसीलिए अगर कांग्रेस इसमें संशोधन की बात करती है, तो कोई गलत नहीं है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बिना सुनवाई के व्यक्ति को गिरफ्तार और जेल में डालने वाले कानून में संशोधन की बात कही है। यह एक सही और उचित वादा है। 

वरिष्ठ वकील डॉ. अशोक येंदे के कहते है, 'बिना सुनवाई गिरफ्तार करना और जेल में डालना सही नहीं हैं। इसीलिए अगर कांग्रेस ऐसे कानूनों में संशोधन की बात करती है, तो अच्छा और उचित निर्णय होगा। हिरासत और पूछताछ के दौरान थर्ड डिग्री का उपयोग करना और पुलिस को मिले अधिकारों का दुरुपयोग रोकने के लिए अत्याचार निरोधक कानून बनाना ठीक है। अब यह जनता के ऊपर हैं कि वह चुनाव में इसे किस तरह से देखती है।' 

आम लोगों की प्रतिक्रिया 
कांग्रेस ने पर्यावरण को अपने घोषणापत्र में जगह दी, यह सराहनीय है। पर्यावरण आज विस्फोटक स्थिति में है। बिल्डर, भू-माफिया और नेताओं की मिली भगत से ही आज जल, जंगल, जमीन सब खतरे में हैं। इतने वर्षों के अनुभव से ये कहा जा सकता है कि पर्यावरण और शिक्षा को कामधेनु समझ कर हर पार्टी उसका दोहन कर रहे हैं। कोई भी दल इसे लेकर गंभीर नहीं दिखता: डॉ. रवि रमेशचंद्र शुक्ला, विभागप्रमुख, राजनीतिशास्त्र और सलाहकार, नेत्ज़ेक्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट, मुम्बई 

कांग्रेस घोषणापत्र में जीएसटी को लेकर किए गए वादे अगर पूरे करती हैं, तो व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। जीएसटी की समान दर की मांग पहले से ही थी। अगर कांग्रेस अपने इन वादों को पूरा करने को लेकर व्यापारियों को भरोसा दिलाने में कामयाब होती हैं, तो बीजेपी के साथ रहने वाला व्यापारी वर्ग इस बार कांग्रेस के साथ खड़ा हो सकता हैं: गजेंद्र भंडारी, अध्यक्ष, विलेपार्ले मार्बल डीलर असोसिएशन 

मध्यप्रदेश के चुनावों में किए गए वादों और चुनाव के बाद उनके वास्तविक क्रियान्वयन के आधार पर कांग्रेस के इस घोषणापत्र पर भरोसा करना मुश्किल है। कांग्रेस कभी अपने वादों को पूरा नहीं करती: कैप्टन अजय उपाध्याय, अप्रवासी भारतीय 

कांग्रेस की 'न्याय योजना' उसकी नैया पार लगा सकती है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल इसके लिए संसाधन कहां से आएंगे? कांग्रेस को बहुत ज्यादा जमीनी मेहनत करने की जरूरत है: रमेश पांडेय, चार्टड अकाउंटेंट 

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