कलेक्टर के खिलाफ फूटा दिव्यांगों का आक्रोश, धरने पर बैठे

गुना
सरकार और विभाग भले ही दिव्यांगजनों का कल्याण प्राथमिकता में होने के तमाम दावे करती रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इस दावे की पोल खोल रही है| दिव्यांगों की समस्याओं का निराकरण करना तो दूर उनकी सुनवाई के लिए भी कलेक्टर के पास समय नहीं है| जबकि जनता की समस्याओं की सुनवाई के लिए जनसुनवाई का आयोजन किया जाता है जिसका उद्देश्य ही जिला स्तर पर ही समस्याओं का निराकरण है| लेकिन गुना जिले में कलेक्टर भास्कर लक्षकार के खिलाफ दिव्यांगजनों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने कलेक्टर पर तानाशाह होने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की| 

दरअसल, जिले के दिव्यांग जनसुनवाई में अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर पहुंचे थे, लेकिन सुबह से भूखे प्यासे होने के कारण दिव्यांगों ने पहले कलेक्टर के आने का इंतजार किया, लेकिन करीब 7 घंटे गुजर जाने के बाद भी कलेक्टर से मुलाकात नहीं हुई तो कलेक्ट्रेट के बाहर ही मोर्चा खोल दिया और कलेक्टर के खिलाफ नारेबाजी करने लगे| 

दिव्यंग पेंशन से जुड़ी समस्याएं  प्रमाण पत्रों से जुड़ी समस्याएं और प्रशासनिक योजनाओं से उनको मिलने वाले लाभ न मिलने के कारण एकत्रित होकर आज जनसुनवाई में पहुंचे थे, लेकिन कलेक्टर आज जनसुनवाई करने आरोन गए थे और वहां से लौटने के बाद भी जब दिव्यांगों से मुलाकात नहीं हो तो दिव्यांगों ने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर से मिलने की जिद पकड़ ली और कलेक्ट्रेट के बाहर ही कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया| 

दिव्यांगों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध में जमीन पर ही लेट गए|  दिव्यांगों का कहना था कि जब तक कलेक्टर नहीं मिलेंगे तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे, आखिर हम अपना अधिकार मांगने यहां आए हैं, शासन द्वारा जो योजनाएं विकलांगों के लिए चलाई जा रही हैं उनका लाभ विकलांगों को नहीं मिल पा रहा है इन्हीं मांगों को लेकर आज विकलांग गुना कलेक्ट्रेट पहुंचे थे|

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