पत्रकारों की एक जुटता से वसूलीबाज फर्जी पत्रकारों के पतन का काउंट डाउन शुरू।

दो हजार के चक्कर में फर्जी पत्रकार गया जेल

इलेक्ट्राॅनिक मीडिया का नाम लेकर कई महीनों से कर रहा था अवैध वसूली

पत्रकारों की एक जुटता से वसूलीबाज फर्जी पत्रकारों के पतन का काउंट डाउन शुरू

जबलपुर। प्रदेश और देशभर में इन दिनों पत्रकारिता की आड़ में अवैध वसूली और गोरखधंधे करने वालों के खिलाफ एक बहस छिड़ी हुई है। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद भी न तो शासन इस दिशा में कोई कदम उठा रहा है और न ही प्रशासन इस पर रोक लगाने का प्रयास कर रहा है। जिसका दुष्परिणाम दिन रात मेहनत करने वाले पत्रकारों को भुगतना पड़ता है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें सुनने मिलता है कि फलां चैनल वाले खबर चलाने के लिए पैसे लेते हैं तो कभी अखबार वालों पर इल्जाम लगाया जाता है। लेकिन कोई इन वसूली बाज पत्रकारों की तह में नही जाता और बदनाम होता है सिर्फ पत्रकार।
माढ़ोताल थाना अंतर्गत पाटन बाइपास में पकड़ा गया वसूली पत्रकार इन्हीं में से एक है जो सिर्फ हाईवे में घूमकर डंपरों और अन्य वाहनों की चैकिंग करता था। लग्जरी कार में घूमने वाले प्रकाश राय ने बकायदा अपनी कार में पीछे देश के नामी चैनल से मिलता-जुलता नाम का एक स्टीकर लगाया जिससे लोगों को उस पर भरोसा भी होता था। डंपरों को रोकना और उनकी गाड़ी के दस्तावेज, ड्राइवर के लाइसेंस सहित अन्य जांच पड़ताल करने के बाद जो खामी मिलती उस पर कानून और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कार्रवाई का डर दिखाकर हजारों रूपए वसूल किए जाते थे। ये सब पुलिस और जिला प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा है और बदस्तूर जारी है। एक न्यूज चैनल के पत्रकार को जब प्रकाश राय द्वारा डंपरों को रोककर वसूली करने की जानकारी मिली तो वह सीधे बाइपास पहंुचा जहां एक ढ़ाबे में बैठकर प्रकाश राय और उसके अन्य साथी खाना खा रहे थे। पूछताछ करने पर उसने आपत्ति भी दर्ज कराई और शहर के रसूखदारों को बकायदा फोन लगाकर भी धमकाने का प्रयास किया।

*एसपी ने तत्काल लिया संज्ञान*

मौके पर पहुचें पत्रकार ने इस वसूली पत्रकार की जानकारी तत्काल एसपी अमित सिंह और एएसपी संजीव उइके को दी जिन्होंने तुरंत माढ़ोताल थाना प्रभारी को बाइपास जाकर वसूली पत्रकार की जानकारी लेने के निर्देश दिए। मौके पर पहुचें माढ़ोताल थाना प्रभारी अनिल गुप्ता ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी को थाने चलने कहा जहां पत्रकार की पड़ताल की गई। वसूली पत्रकार प्रकाश राय ने बकायदा एक मंत्री को फोन लगाकर थाना प्रभारी की बात भी कराई जिन्होंने थाना प्रभारी को मामला देख लेने के निर्देश दिए। हालांकि थाने में जब शहर के नामी चैनलों के रिपोर्टर पहुचें तो पुलिस को भी इस मामले में फर्जीवाड़े और अवैध वसूली की धारा लगाकर प्रकरण दर्ज करना पड़ा।

*कोर्ट पहुचां आरोपी तो याद आईं बीमारियां*

अवैध वसूली के आरोप में माढ़ोताल पुलिस ने प्रकाश राय को रात भर थाने के लाॅकअप में बंद रखा और दूसरे दिन शाम को जिला न्यायालय में जिला मजिस्ट्रेट आशीष ताम्रकार की अदालत में पेश किया। इस दौरान प्रकाश राय के परिजन भी कोर्ट पहुंचे जिन्होंने प्रकाश राय के हार्ट अटैक से पीड़ित होने की जानकारी दी और उन्हें बाइज्जत रिहा करने की अपील की। कल तक डंपर चालकों पर रौब झाड़ने वाले प्रकाश राय को जब जेल की सलाखें दिखने लगीं तो उन्हें अपनी बीमारियां याद आने लगीं। हालांकि न्यायालय ने उनके अपराध को गंभीर मानते हुए जमानत का लाभ नहीं दिया। जमानत पर आपत्ति पत्रकार राजेश विश्वकर्मा,प्रतीक अवस्थी,पवन पटेल,अजय सिंह की ओर से अधिवक्ता अमित साहू ने कोर्ट में लगाई साथ ही दलील दी कि इस तरह के सैकड़ों लोग खुद को पत्रकार बताकर लोगों से अवैध वसूली कर रहे हैं, प्रकाश राय ने भी न जाने कितने लोगों से अवैध वसूली की है इसलिए उन्हें जमानत न देकर उनकी जांच कराई जानी चाहिए।

*वसूलीबाजों और फर्जी पत्रकारों की हो जांच*

इस घटना के बाद से अब शहर के पत्रकार ऐसे वसूली और फर्जी पत्रकारों की जांच कराने एक कमेटी गठित करने और ईमानदारी से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। वहीं पत्रकार संगठन भी इस घटना के बाद इसकी पुनरावृत्ति नहीं होने देना चाहते। इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार, जनसंपर्क मंत्री, जिला कलेक्टर और एसपी को पत्र लिखा गया है जिसमें मांग की गई है कि पत्रकारिता के अस्तित्व को ऐसे दूषित मानसिकता वाले लोगों से बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने की आवश्यकता है इसलिए कमेटी गठित कर जांच कराई जानी चाहिए।

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