कमेटी और आयोग में फंस गई निजी विवि की फीस

भोपाल
प्रदेश भर के निजी विश्वविद्यालयों ने प्रवेश एवं फीस विनियामक समिति से फीस निर्धारण कराने में एतराज दिखाया है। वे स्वयं फीस निर्धारित कर निजी विवि विनियामक आयोग से समीक्षा कराने को तैयार हैं। इसके चलते 32 में से सिर्फ तीन विवि के प्रस्ताव कमेटी में पहुंचे हैं। फीस कमेटी सिर्फ प्रोफेशनल कोर्स की ही फीस तय करेगा।

शासन से लगाई गुहार
फीस कमेटी ने फीस निर्धारित करने सभी विवि को प्रस्ताव देने के लिए पत्र जारी किया है। विवि ने उनके पत्र का विरोध करते हुए अपनी फीस स्वयं ही निर्धारित करने की दुहाई शासन को दी है। उन्होंने शासन को पत्र देते हुए अपने सभी कोर्स की फीस स्वयं ही तय कर उसकी समीक्षा आयोग से कराने के लिए कहा है। जबकि फीस कमेटी सिर्फ उनके प्रोफेशनल कोर्स की ही फीस तय करेगा। जबकि पारंपरिक कोर्स की फीस विवि स्वयं ही कर पाएंगे। इसके बाद वे फीस की समीक्षा आयोग करा सकते हैं।
जानकारी के मुताबिक विवि और कालेजों की फीस में करीब दस फीसदी फीस का अंतर होता है। विवि स्वयं फीस निर्धारित करते समय अपने बैलेंस सीट में ऐसे खर्च भी जोड़ देते थे, जिनका विद्यार्थियों की सुविधाओं से कोई मतलब नहीं होता था। यही कारण है कि आयोग उनकी फीस में तबाड़तोड़ तरीके से कैंची चलाकर फीस तय करता रहा है।  निजी विवि के शिकायत के बाद उच्च शिक्षा विभाग फीस कमेटी के नव नियुक्त चेयरमेन कमलाकर सिंह को तलब करेगा। उन्हें फीस निर्धारित करने के संबंध में जवाब तलब करेगा। विभाग के आगामी आदेश के बाद ही विवि अपनी फीस निर्धारित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।

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