कमर दर्द दूर करेंगे 15 मिनट में होने वाले ये 3 योगासन

 नई दिल्ली
अगर आप कमर दर्द की समस्या से परेशान हैं तो योग आपकी इसमें काफी मदद कर सकता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Day of Yoga), 21 जून के तहत हम योग से जुडी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। इसमें हम आपको कई ऐसे योग और योगासन की जानकारी देंगे, जिनकी मदद से आप कई परेशानियों से आसानी से निजात पा सकते हैं। योग, दिमाग और शरीर दोनों के स्वास्थ्य के लिए थेरेपी की तरह काम करता है। सही योगासन करने से आपको बैक पेन की समस्या से निजात मिल सकता है। याद रहे किसी भी चीज का नतीजा तभी अच्छा मिलता है जब आप उसे रोजाना करें। एक-दो दिन या एक-दो हफ्ते में परिणाम न मिलने पर निराश न हों। लंबे समय तक समस्या से छुटकारा पाने के लिए इन आसनों को अपने रूटीन में फॉलो करें।

अधोमुख श्वानासन (Downward-Facing Dog): इस योगासन को रोजाना करने से बैक पेन से छुटकारा मिलने एक साथ-साथ आपके शरीर का बैलेंस भी बेहतर होगा और मजबूती भी बढ़ेगी। इस तरह करें ये आसान:
 
– घुटनों के बल बैठ जाएं और दोनों हाथ जमीन पर टिका लें। पीठ को सीधा रखें।

– अब अपने हाथों पर जोर देते हुए एक-एक करके टांग को पीछे की ओर ले जाएं।

– दोनों पैर फ्लोर से ऊपर न उठें, इस बात का ध्यान रखें। अब कूल्हों को छत की ओर उठा लें। आपकी एड़ियां जमीन पर रहनी चाहिए। पहली बार ऐसा न कर पाएं तो कोई बात नहीं। धीरे-धीरे रोजाना यह आसन करने पर शरीर फ्लेक्सिबल होता जाएगा।

– इस मुद्रा में आपको टांगों में खिंचाव महसूस होगा।

– अपने हाथों सीधा रखते हुए और पीठ को सीधा रखते हुए छाती को जितना हो सके जमीन की ओर ले जाएं।

– इस आसन को 30 सेकंड्स से 60 सेकंड्स तक किया जा सकता है। जब आपको इस आसन की आदत हो जाए तो इसे 90 सेकंड्स तक करें।

कब न करें यह आसन:

– आपकी पीठ में चोट हो तो यह आसन न करें।

– गर्भवती महिलाएं यह आसन न करें।

– जितना हो उतना ही करें, अपने शरीर पर जोर न डालें।

बालासन (Balasana): बाल यानि बच्चे के शब्द पर इस आसन का नाम रखा गया है। बालासन करने से कूल्हों, जांघों ओर टखनों में खिंचाव आता है। यह पीठ और गर्दन के दर्द से छुटकारा दिलाता है और तनाव से निकलने, मन को शांत रखने में भी मदद करता है। बालासन करने का तरीका:
 – बालासन करने के लिए सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाए।

– ध्यान दें, योग में सांसों के अवलोकन की भी बड़ी भूमिका होती है। इसलिए अपना मन इधर-उधर न भटकाएं और आती-जाती सांसों पर अपना ध्यान केंद्रित करें।

– सांस को अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठा लें। आसन करते हुए हाथों को मिलाएं न, बल्कि कंधों की सीध में हाथ ऊपर की ओर रखें।

– अब सांस को बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। आपको कमर के हिस्से से नहीं, कूल्हों के भाग से नीचे झुकना है।

– हाथों को जमीन से टिका लें ओर हाथ सीधे ही रखें।
 
– अब सिर को भी जमीन से टिका लें। शुरुआत में इसे करने में मुश्किल आ सकती है, इसलिए जितना हो, वहीं तक सिर लेकर जाए। धीरे-धीरे इसमें सुधार आता जाएगा।

– यह बालासन है, थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर सांसों को लें और छोड़ें, और दिमाग को रिलैक्स होने दें।

– इस आसन को 30 सेकंड्स से 5 मिनट तक किया जा सकता है।

कब न करें:

– दस्त होने पर या घुटने में चोट होने पर बालासन न करें।

– अपनी क्षमता से अधिक जोर न लगाएं।

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