कभी स्ट्रगल कर रहे सुनील दत्त को फ्री में दिया था सूट, आज बंद होने की कगार पर शहर की सबसे पुरानी टेलरिंग शॉप

मुंबई 
करीब 77 साल पहले साउथ बॉम्बे के फोर्ट इलाके में एक छत के नीच टेलरिंग की दो दुकानें चलती थीं- स्मार्ट ऐंड कंपनी और हॉलिवुड टेलर्स। आज 65 साल के मुमताज अहमद अपने भाइयों इम्तियाज और अयाज के साथ अपने हिस्से की दुकान चलाते हैं। 55 साल के धीमंत नागरसेठ पिछले 30 साल से दुकान का दूसरा हिस्सा चला रहे हैं लेकिन अब कई दशकों से दोनों दुकानें 'स्मार्ट ऐंड हॉलिवुड' के नाम से एस्प्लनाड मैंशन में चल रही हैं। अपने इतिहास और वास्तुकला के कारण मशहूर इन दुकानों के अस्तित्व पर आज खतरा हो गया है।  

'मजबूत है इमारत, रिपेयर की जरूरत' 
दरअसल, सोमवार को बीएमसी ने दोनों दुकानों को बंद करने का नोटिस भेजा है। एस्प्लनाड मैंशन की स्थिति जर्जर हो गई है और इसे खतरे की कगार पर खड़ीं दुनिया की 100 इमारतों में शामिल किया गया है। हालांकि, मुमताज का कहना है कि इमारत मजबूत है और गिरेगी नहीं। उन्होंने बताया कि करीब एक-दो साल पहले एक आर्किटेक्ट ने इमारत का निरीक्ष किया था और इस बात की पुष्टि की थी। हालांकि, इमारत को रिपेयर की जरूरत है। 

आईनों से भरी छत 
वह कहते हैं कि जिस तरह से इमारत का निर्माण हुआ है वह अपने आप में अनोखा है। दुकानों की जमीन लकड़ी की बनी है। मुमताज बताते हैं कि पहले इस जगह वॉटसन होटेल था जिसकी डांस फ्लोर पर ये दुकानें खड़ी हैं। इनकी छतों में आईने लगे थे जिनकी जगह आज मेटल की शीट्स ने ले ली है। 

.. जब स्ट्रगल कर रहे सुनील दत्त को फ्री में दिया सूट 
मुमताज बताते हैं कि वह 50 और 60 के दशक में मिस इंडिया के लिए कपड़े सिल चुके हैं। अपने जमाने के सुपरस्टार ऐक्टर नर्गिस और सुनील दत्त उनके ग्राहक रह चुके हैं। सुनील दत्त से जुड़ा एक किस्सा मुमताज ने सुनाया, ' स्टार बनने से पहले सुनील दत्त पहले इस इमारत में रहते थे। तब उनके पास पैसे नहीं थथे। एक बार वह एक इंटरव्यू के लिए जा रहे थे तो हमने उन्हें फ्री में एक सूट दिया था। एक ग्राहक ने सूट ऑर्डर किया था लेकिन वह कभी लेने नहीं आया।। मुमताज ने बताया कि स्टार बनने के बाद भी दत्त एक-दो बार उनकी दुकान पर आए थे। आज प्रख्यात लेखिका शोभा डे उनके हाई-प्रोफाइल ग्राहकों में से एक हैं। 

कोर्ट ने लोगों को अपने जोखिम पर रहने की इजाजत दी 
बीएमसी अधिकारियों का कहना है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवंबर 2018 में इस इमारत में रहने वालों को अपने जोखिम पर बने रहने की इजाजत दी थी। अधिकारियों ने बताया है कि MHADA ने 2007 में इस इमारत को खतरनाक बताया था। 2011 में इसे खाली करने के आदेश दिए गए। 2015 में MHADA ने इसके लिए कोशिश भी की लेकिन लोगों ने HC में रिट याचिका दाखिल कर दी। अधिकारियों ने बताया है कि फिलहाल एक रजिस्टर्ड इंजिनियर इमारत पर नजर रख रहा है। 

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