ओडिशा: फोनी के बाद साफ तबाही का तस्वीर, 41 की मौत, ₹50,000 करोड़ का नुकसान

पुरी
जब चक्रवाती तूफान फोनी पुरी में 3 मई को उत्पात मचा रहा था, पी चित्तमा का पूरा परिवार एक बाथरूम में छिपा था। चित्तमा बाहर ही रह गईं। उनकी छत तूफान का जोर नहीं सह पाई और उसका एक टुकड़ा उनके पैर पर आ लगा। खून और असहनीय दर्द के बावजूद वह किसी तरह से बाथरूम में पहुंचीं और खुद को बचाने में कामयाब रहीं। कई घंटों बाद जब तूफान चला गया, चित्तमा को अस्पताल ले जाया गया।

डॉक्टरों ने बताया कि चित्तमा लकी हैं कि उनका सिर्फ पैर टूटा। एक महीने में वह चलने लगेंगी। हालांकि, उनके परिवार को अपनी नाव की मरम्मत करने और वापस समुद्र में जाने में उससे ज्यादा वक्त लगेगा। फोनी के बाद ओडिशा में ऐसे कई किस्से सुनने को मिल रहे हैं।

41 की मौत, 1.5 करोड़ लोग प्रभावित
फोनी से कुशलता से निपटने के लिए ओडिशा सरकार की भारत ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब तारीफें हुईं। हालांकि, सब बीतने के बाद जैसे-जैसे नुकसान का आकलन किया जा रहा है, चिंताजनक आंकड़े सामने आ रहे हैं। राज्य में चक्रवात से 41 लोगों की मौत हो गई है। 14 जिलों में 1.5 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। राजधानी भुवनेश्वर और पुरी जिलों में बिजली नहीं है और खाने की आपूर्ति भी सुचारू नहीं है। कई जगहों से खाना चोरी किए जाने की खबरें भी आईं।

₹50,000 करोड़ के नुकसान कानुमान
करीब 5 लाख घर, 34 लाख पशुओं और 6,700 अस्पतालों को नुकसान पहुंचा है। सरकारी अनुमान के मुताबिक फोनी से करीब 50,000 करोड़ के नुकसान की संभावना है। भुवनेश्वर के मौसम विभाग के पूर्व निदेशक सरत चंद्र साहू के मुताबिक ज्यादातर नुकसान, खासकर भुवनेश्वर में जो पुरी से 50 किलोमीटर दूर है, उसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था। उन्होंने बताया कि तूफान के दौरान 200 किमी प्रतिघंटा की स्पीड के कारण इतने भारी स्तर पर

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